मोदी और अमित शाह का दावा- पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में करेंगे वापसी
लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर यानी 19 को सातवें चरण के मतदान होंगे. कांग्रेस बीजेपी समेत सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी रैली करने में लगी हुई है. चुनाव के आखिरी दौर में दिल्ली स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने आज प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की. इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मोदी सरकार में किए गए कार्य की बात की. वहीं पीएम मोदी ने जनता का धन्यवाद देते हुए कहा, 'मैं मानता हूं कि कुछ बातें हम गर्व के साथ दुनिया से कह सकते हैं. ये दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, ये लोकतंत्र की ताकत दुनिया के सामने ले जाना हम सबका दायित्व है. हमें विश्व को प्रभावित करना चाहिए कि हमारा लोकतंत्र कितनी विविधताओं से भरा है.'
उन्होंने कहा, 'चुनाव शानदार रहा, एक सकारात्मक भाव से चुनाव हुआ. पूर्ण बहुमत वाली सरकार पांच साल पूरे करके दोबारा जीतकर आए ये शायद देश में बहुत लंबे अर्से के बाद हो रहा है. ये अपने आप में बड़ी बात है.'
पीएम ने कहा, 'जब मैं चुनाव के लिए निकला और मन बनाकर निकला था और अपने को उसी धार पर रखा. मैंने देशवासियों को कहा था कि 5 साल मुझे देश ने जो आशीर्वाद दिया उसके लिए मैं धन्यवाद देने आया हूं. अनेक उतार चढ़ाव आए, लेकिन देश साथ रहा. मेरे लिए चुनाव जनता को धन्यवाद ज्ञापन था.'
अमित शाह ने कहा
हमारी सरकार फिर से बनने जा रही है.
मोदी ने हर योजना पर कड़ी नजर रखी है.
5 साल में 133 योजनाएं लेकर आए.
मोदी सरकार ने दुनिया में देश का मान बढ़ाया है.
पहला चुनाव जिसमें विपक्ष की ओर से महंगाई-करप्शन का मुद्दा नहीं है.
हमारी सरकार में हर क्षेत्र में विकास हुआ है.
जितने चुनाव हुए उसमें हमें जीत मिली है.
ये सबसे विस्तृत चुनाव रहा है.
हर 15 दिन में एक योजना शुरू की.
मोदी ने ये कहा
पहले मैं आपके साथ ही चाय पीता था। मध्यप्रदेश से सीधा आया हूं.
2014 चुनाव में आईपीएल बाहर कराना पड़ा था.
बहुत लंबे समय बाद देश में ऐसा होगा जब लगातार दूसरी बार कोई पूर्ण बहुमत वाली सरकार आएगी.
सरकार सक्षम होती है तो रमजान भी होता है, आईपीएल भी चलता है, बच्चों का एक्जाम भी चलता है.
जनता पहले से ज्यादा बढ़ चढ़कर आशीर्वाद दे रही है.
पिछली बार 16 मई को नतीजा आया था. 17 मई को बहुत बड़ी कैजुल्टी हुई थी, आज भी 17 मई है. सट्टाखोरों को मोदी की हाजिरी का अरबो-खरबों का घाटा हुआ था.
तब सट्टा कांग्रेस की 150 सीटों के लिए चलता था, भाजपा का 200 के आसपास चलता था, सबके सब डूब गए थे। ईमानदारी की शुरुआत 17 मई को हो गई थी.