इस बार सर्वाधिक 76 महिलाएं पहुंचीं संसद भवन ,महिलाओं की रहेगी अहम् भागेदारी
नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता, एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें, तकरीबन डेढ़ दिन तक रुझान, क्षत्रपों की ऐसी दुर्गति, बंगाल में बीजेपी और भगवा का प्रभाव आदि आदि. मगर इन सब के बीच जो रिकॉर्ड सबसे यादगार रहा वो है सर्वाधिक 76 महिलाओं का संसद पहुंचना.
महिलाएं तो पहले भी संसद में जाती रही हैं लेकिन इस बार खास इसलिए है क्योंकि देश के दो छोटे राज्यों ने अपनी आबादी और क्षेत्रफल से आगे बढ़कर ज्यादा महिलाओं को संसद भेजा. ये दो राज्य पश्चिम बंगाल और ओडिशा हैं. बंगाल में टीएमसी और ओडिशा में बीजेडी का राज है. इन दोनों पार्टियों (भले ही क्षेत्रीय हों) ने सचमुच 'महिला आरक्षण' का प्रबंध किया और ज्यादातर भागीदारी निभाने में मदद की. बीजेडी ने 41 फीसदी और टीएमसी ने 33 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया. बीजेपी और कांग्रेस ने भी महिलाओं को संसद पहुंचाया लेकिन टीएमसी और बीजेडी का नाम इसलिए अहम है क्योंकि बंगाल और ओडिशा से महिलाओं की भागीदारी इन पार्टियों के चलते बढ़ गई है
ओडिशा में बीजेडी ने 21 सीटों पर 7 महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका दिया. इनमें 6 जीतने में कामयाब रहीं. ओडिशा के लिए अच्छी बात ये रही कि यहां बीजेपी ने भी दो महिला सांसद दिए. इस हिसाब से ओडिशा से 8 महिला सांसदों की इस बार भागीदारी बनी है.