जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल 2019 लोकसभा में पास, 6 महीने बढ़ा राष्ट्रपति शासन 6-month-extension-of-president-rule-in-jammu and kashmir

By Tatkaal Khabar / 28-06-2019 01:55:05 am | 10654 Views | 0 Comments
#

लोकसभा में भारी हंगामे के बीच जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल पास हो गया। इसके साथ ही राज्य में राष्ट्रपति शासन का समय 6 महीने के लिए बढ़ गया है। पहले राष्ट्रपति शासन का समय 3 जुलाई को समाप्त होने वाला था। कांग्रेस ने सदन में इस बिल का खूब विरोध जताया। वहीं अमित शाह ने कहा कि चुनाव आयोग जब भी कहेगा जम्मू-कश्मीर में निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे।
गृहमंत्री शाह ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। उन्होंने बताया कि हमारा विचार है कि देश की सीमाओं की रक्षा हो और देश आतंकवाद से मुक्त रहे। वहीं कांग्रेस ने इस बिल विरोध किया। 
 गृह मंत्री ने ये भी कहा कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस साल के अंत तक चुनाव होंगे. शाह ने जम्‍मू और कश्‍मीर के मौजूदा हालातों पर लोकसभा में जानकारी भी दी है।इस दौरान उन्‍होंने कहा कि हमारी सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है।अमित शाह ने आरक्षण संशोधन का प्रस्‍ताव पेश करते हुए कहा कि इससे राज्‍य के लोगों को काफी लाभ मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय सीमा के आसपास रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए क्योंकि वे सीमा पर होने वाले गो‍लीबारी के बीच रहते हैं। गोलीबारी से छात्र ठीक से पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते। जम्मू कश्मीर के संविधान के सेक्शन 5 और 9 के तहत जो आरक्षण का प्रावधान है उसमें भी संशोधन कर कुछ और क्षेत्रों को जोड़ने का नियम मौजूद है।
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम लगातार जम्‍मू और कश्‍मीर के हालात पर करीब से नजर रखे हैं। सीमा पर स्थित क्षेत्रों में बंकरों का निर्माण उस निर्धारित समय-सीमा में ही पूरा होगा, जो पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने तय किया था, हमारे लिए प्रत्येक व्यक्ति की जान महत्‍वपूर्ण है।इन्हें मिलेगा आरक्षण का फायदाअमित शाह ने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर आरक्षण कानून, 2004 में संशोधन के तहत अंतरराष्‍ट्रीय सीमा से लगने वाले कठुआ के 70 गांव, सांबा के 133 और जम्‍मू के 232 गांवों में रहने वाले 3 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा।