अंतरिक्ष में भारत की सबसे बड़ी छलांग, चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक लॉन्च

By Tatkaal Khabar / 22-07-2019 02:07:09 am | 11179 Views | 0 Comments
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चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है. भारत के इस सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान को आज आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया. अभी तक सब कुछ योजना के मुताबिक ही चल रहा है.
इसरो के प्रमुख के. सिवन ने पिछले महीने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मिशन को 2020 की पहली छमाही में प्रक्षेपित करने की योजना है. सूर्य के परिमंडल का विश्लेषण इसलिए किए जाने की जरूरत है क्योंकि जलवायु परिवर्तन पर इसका बड़ा प्रभाव है. सिवन अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं.

इसरो ने कहा कि इसके अलावा पार्टिकल पेलोड सूर्य से उठते कण प्रवाह का अध्ययन करेंगे. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इन पेलोड को धरती के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव से बाहर स्थापित किया जाएगा और ये धरती की निचली कक्षा में उपयोगी नहीं हो सकते. भारत ने सोमवार को अपने दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 का श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया.
इससे पहले 15 जुलाई को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग रोक दी गई थी. लॉन्चिंग सिस्टम में एक तकनीकी दिक्कत के चलते यह फैसला किया गया. तब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बयान जारी करके चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग की नई तारीख घोषित करने की बात कही थी.

चंद्रयान-2 क्या है?

3.8 टन का चंद्रयान-2 एक अंतरिक्ष यान है. इसे ले जाने वाले रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है. इसके तीन मॉड्यूल्स (सबसे अहम हिस्से) हैं - लैंडर, ऑर्बिटर और रोवर. इसके लैंडर का नाम है- विक्रम और रोवर का नाम है- प्रज्ञान. इस अभियान के तहत लैंडर रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारेगा और इसके जरिए जरूरी अध्ययन किए जाएंगे. वहीं लैंडर और ऑर्बिटर के माध्यम से इसरो रोवर के साथ संपर्क में रहेगा.

चंद्रयान-2 दस साल के भीतर भारत का चंद्रमा पर भेजा जाने वाला दूसरा अभियान है. इससे पहले भारत ने अक्टूबर 2008 में चंद्रयान-1 चंद्रमा की कक्षा में भेजा था. चंद्रयान-2 की सफलता के साथ ही भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद धरती के इस उपग्रह पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा. इस पूरे अभियान की लागत करीब 1000 करोड़ रु बताई जा रही है.