सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम की आठ लड़कियों को परिवार को सौंपने की दी मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की 44 लड़कियों में से आठ लड़कियों को सभी जरूरी औपचारिकतायें पूरी करने के बाद उनके परिवारों को सौंपने की मंजूरी दे दी है।
पीठ की अध्यक्षता कर रहे जज एन वी रमण ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि इन आठ लड़कियां को सभी जरूरी वित्तीय और मेडिकल सहायता उपलब्ध करायी जाये। पीठ में शामिल जस्टिस एम एम शांतानागौदार और जस्टिस अजय रस्तोगी ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टिस) को निर्देश दिया है कि वह आठ महीने में बाकी लड़कियों के मामले में एक स्थिति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला टिस की रिपोर्ट के बाद दिया है। टिस ने सील कवर में दाखिल रिपोर्ट में कहा था कि आठ लड़कियों को उनके परिवार को सौपा जा सकता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई बिहार से नई दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहू रोड स्थित शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण होने का खुलासा किया था। मेडिकल जांच में शेल्टर होम की कम से कम 34 बच्चियों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई।
कुछ पीड़ित बच्चियों ने कोर्ट को बताया था कि उन्हें नशीला पदार्थ दिया जाता था फिर उनका यौन शोषण किया जाता था।