हर युग में सच साबित हुए हैं महाभारत के ये 5 सबक

By Tatkaal Khabar / 20-10-2019 01:24:46 am | 14683 Views | 0 Comments
#

सैकड़ों वर्षों पहले लिखी गई महाभारत की कहानियों को हर युग में अनेकों लोग अनेकों तरीके से अभिव्यक्त करते आए हैं.

महाभारत का महत्व सिर्फ एक महान कविता होने की वजह से नहीं है बल्कि इस महाभारत के सबक हैं जो हर युग में सच साबित होते आए हैं.

महाभारत के सबक !

1.  हर कुर्बानी देकर अपने कर्तव्य का निर्वाह करना-

अपने ही परिवारजनों के खिलाफ युद्ध करने को लेकर अर्जुन पहले अनिश्चितता की स्थिति में थे. लेकिन कृष्ण ने गीता के उपदेश के दौरान उन्हें अपने कर्तव्य, अपने क्षत्रीय धर्म का याद दिलाया. कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि धर्म का निर्वहन करने के लिए यदि तुम्हें अपने प्रियजनों के खिलाफ भी लड़ना पड़े तो हिचकना नहीं चाहिए. कृष्ण से प्रेरित होकर अर्जुन सभी अशंकाओं से मुक्त होकर अपने योद्धा होने के धरम का पालन किया.

2.  हर हाल में दोस्ती निभाना-

कृष्ण और अर्जुन की दोस्ती हर कालखंड में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत की जाती रही है. वह कृष्ण का निस्वार्थ समरथन और प्रेरणा ही था जिसने पांडवों को युद्ध में विजय दिलाने में अहम भूमिका अदा की.

कृष्ण ने द्रोपदी की लाज तब बचाई जब उनके पति उन्हें जुए में हारकर उन्हें अपने सामने बेइज्जत होते देखने को मजबूर थे.

कर्ण और दुर्योधन की दोस्ती भी कम प्रेरणाप्रद नहीं है. कुंति पुत्र कर्ण अपने दोस्त दुर्योधन की खातिर अपने भाइयों से लड़ने में भी पीछे नहीं हटे.

3.  अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है-

अर्जुन पुथ अभिमन्यु की कहानी हमें सिखाती है कि अधुरा ज्ञान कैसे खतरनाक साबित होता है. अभिमन्यु यह तो जानते थे कि चक्रव्युह में कैसे प्रवेश करना है लेकिन चक्रव्युह से बाहर कैसे आना है इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. इस अधुरे ज्ञान का खामियाजा अत्याधिक बहादुरी दिखाने के बाद भी उन्हें अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.

4.  लालच में कभी नहीं बहो-

महाभारत का भीषण युद्ध टाला जा सकती था यदि धर्मराज युद्धिष्ठिर लालच में न बहे होते. जुए में शकुनी ने युद्धिष्ठिर के लालच को बखूबी भुनाया और उनसे राज-पाठ धन दौलत तो छीन ही लिया यहां तक कि उनसे उनकी पत्नी द्रौपदी को भी जीत लिया.

5.  बदले की भावना केवल विनाश लाती है-

महाभारत के युद्ध के मूल में बदले की भावना है. पांडवों को बर्बाद करने की सनक ने कौरवों  से उनका सबकुछ छीन लिया. यहां तक की बच्चे भी इस युद्ध में मारे गए. लेकिन क्या इस विनाश से पांडव बच पाए? नहीं. इस युद्ध में द्रौपदी के पांचों पुत्र सहित अर्जुन पुत्र अभिमन्यु भी मारे गए.

ये है महाभारत के सबक – आज का दौर महाभारत काल से बेहद अलग है लेकिन जिंदगी में हर पल ही कई तरह के युद्ध लड़ने पड़ते हैं. कई बार हमें कठिन फैसले लेने पड़ते हैं. ये फैसले हमारे लिए आसान हो सकते हैं अगर हम महाभारत के इन सीखों को याद रखें.