सेहत व धन दोनों को नुकसान पहुंचा रही तंबाकू: शर्मा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तम्बाकू और उससे बने उत्पादों से हर साल राजस्व से हुई आय के मुकाबले साढ़े छह गुना ज्यादा व्यय हो रहा है। इससे जहां एक ओर आर्थिक क्षति हो रही है वहीं दूसरी ओर तम्बाकू सेवन के कारण जीवन के साथ खिलवाड़ भी हो रहा है।
यह चौंकाने वाले आंकड़े वोलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया तथा विनोबा सेवा आश्रम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मीडिया सेेंसिटाइजेशन वर्कशॉप ऑन टोबेको कंट्रोल लॉ-कोपटा एक्ट 2003 में विनोबा सेवा आश्रम के प्रबंध निदेशक जेपी शर्मा ने मीडिया के सामने पेश किए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 में तम्बाकू उत्पादों से प्रदेश सरकार को राजस्व के रूप में 3562.02 करोड़ रुपये की आय हुई जबकि अकेले वर्ष 2011 में 7335 करोड़ रुपये तम्बाकू जैसे नशे से प्रभावित बीमारियों के उपचार के मद में खर्च हो गये यानी लगभग साढ़े छह गुना ज्यादा धनराशि खर्च हुई। चर्चा में यह तथ्य रखा गया कि सरकार की ओर से बेशक कोटपा जैसे कानून 2003 में बना दिये गये हैं लेकिन सर्वाधिक बड़ी समस्या उनके लागू करने को लेकर है, इन कानूनों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। कानूनों के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना निषेध है, लेकिन लोग ऐसा कर रहे हैं। वर्कशॉप की शुरुआत में वोलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सीनियर प्रोग्राम ऑफीसर बिनॉय मैथ्यू ने कोटपा कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी।