दुनिया का अनोखा मेला जहाँ लड़का लड़की एक दूसरे को पान खिलाकर चुनते है जीवनसाथी
जोड़ियाँ भगवान उपर से बनाकर भेजता है इसलिए जो लोग आपस में मिलने होते है वो कैसे भी मिल ही जाते हैं. आज लव मैरिज के खिलाफ बहुत से लोग हैं पर मध्यप्रदेश में एक ऐसा मेला भी लगता है जहाँ लड़की को आजादी होती है वह अपनी पंसद का लड़का चुन सकती है. आपको यह जानकार हैरानी होगी की एक तरफ जहाँ लड़कियों को अपनी पसंद का लड़का चुनने पर मौत के घाट उतार दिया जाता है ऐसे समाज में कुछ जगह ऐसी भी है जहाँ लड़कियों की इतनी आजादी दी जाती है. आज हम आपको उसी क्षेत्र की कहानी बताने वाले है जहाँ लड़की अपने जीवनसाथी को पान खिलाकर पंसद करती है.
हरदा के आदिवासी अंचल के रहने वाले लड़का और लड़कियों के लिए शादी करने से पहले इस मेले में शिरकत होना बहुत जरूरी होता है. जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर मोरगढ़ी गाँव में दिवाली के सात दिन बाद एक ऐसा मेला लगाया जाता है जहाँ लड़की अपने जीवनसाथी को चुनने के लिए उसे पान खिलाती है. यहाँ की परम्परा है की जो यहाँ पर लड़के को पान खिलादेती है उस लड़की और लड़के की शादी कोई रोक नहीं सकता और वह ताउम्र हमेशा एक साथ रहते हैं.
यह एक तरह की रश्म भी होती है और लड़की को आजादी होती है की इस मेले में वह किसी भी लड़के को वहां मौजूद आदिवासी समाज का लड़का होना चाहिए उसे पान खिला सकती है. अगर लड़की अपने पसंद के लड़के को पान खिलाती है तो उनकी शादी की घोषणा कर दी जाती है. इतना ही नहीं लड़की के घर वालों को बता दिया जाता है की अब उन्हें लड़की के लिए वर की तलाश नहीं करनी है और वह शादी की तैयारी में लग जाते हैं.
आदिवासी लोगों की मान्यता है की ठिठिया मेले में जो जोड़ी बनाई जाती है वह कभी टूटती नहीं है और उनकी शादी में कभी भी किसी भी तरह की प्रॉब्लम नहीं आती है. इतना ही नहीं यहाँ के लोगों का मानना है की अगर एक बार लड़का लड़की के हाथों पान खा लेता है तो वह उस लड़की से पूरी उम्र प्यार करता है और उनका प्यार हमेशा के लिए बढ़ता रहता है.
हालांकि आदिवासियों को लोग पिछड़ा हुआ मानते है पर उनकी इस प्रथा ने बता दिया है की वह लड़की या लड़के को किसी भी तरह से शादी के लिए फाॅर्स नहीं करते है बल्कि दोनों को समय देते है एक दुसरे को समझने के लिए और बाद में इस प्रथा या स्वंयवर के अनुसार इस मेले में लड़की अपना साथी चुन लेती है और दोनों की आगे जाकर शादी हो जाती है