कोरोना वायरसः योगी सरकार तीन महीने तक मजदूरों को मुफ्त देगी गेहूं और चावल
कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते भारत (India) में 21 दिनों का लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है. ऐसे में मजदूरों (Labours) के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. सभी राज्य सरकारें (Stat Governments) इन लोगों को अपने हिसाब से मुफ्त या कम दरों पर राशन (Ration) और जरूरी सामने मुहैया करा रही हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) ने भी मजदूरों को मुफ्त गेहूं और चावल (Free Wheat and Rice) देने का ऐलान किया है.सरकार राज्य के मजदूरों को तीन महीने तक मुफ्त में गेहूं और चावल देगी. ये योजना एक अप्रैल से पूरे राज्य में लागू की जाएगी. इस योजना के तहत दिहाड़ी मजदूरों और अन्त्योदय व पात्र गृहस्थी (खाद्य सुरक्षा) के कार्डधारकों को एकमुश्त तीन महीन का अनाज देगी. इसमें दिहाड़ी मजदूरों और अन्त्योदय कार्ड धारकों को मुफ्त राशन मिलेगा. बता दें कि कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों को मुफ्त राशन देने की घोषणा की थी.यूपी में अन्त्योदय कार्डधारक को सरकार 35 किलो गेहूं-चावल प्रति कार्ड देती है, जबकि पात्र गृहस्थी के कार्ड धारकों को तीन किलो गेहूं और 2 किलो चावल प्रति यूनिट दिया जाता है. सरकार अन्त्योदय कार्ड धारकों के अलावा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के सभी मनरेगा जॉब कार्डधारक, श्रम विभाग के पंजीकृत निर्माण श्रमिक व दिहाड़ी मजदूरों को, जिनके पास पूर्व में अन्त्योदय या पात्र गृहस्थी राशन कार्ड नहीं है. उन्हें भी उनके निवास के पते पर राशन कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे और उन्हें मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं पात्र गृहस्थी के बचे हुए कार्ड धारकों को तय मूल्य पर गेहूं चावल दिया जाएगा.बता दें कि प्रदेश सरकार को एक साथ 3 महीने का राशन देने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. खाद्य विभाग जिन दिहाड़ी मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें राशन कार्ड उपलब्ध करा रहा है. प्रदेश में अभी तक करीब 3,000 दिहाड़ी मजदूरों की शिनाख्त करके उन्हें पात्र गृहस्थी योजना के राशनकार्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं. गौरतलब है कि यूपी में करीब 3.30 करोड राशन कार्ड धारक हैं जबकि 14.197 करोड़ यूनिट है. इसके अलावा मनरेगा जॉब कार्ड धारकों की संख्या 88.4 लाख, श्रम विभाग में पंजीकृत श्रम निर्माण श्रमिक की संख्या 20.37 लाख एवं दिहाड़ी मजदूरों की अनुमानित संख्या 15. 60 लाख है.