Chaiti Chhath 2020: इसलिए दिया जाता है संध्या का अर्घ्य

By Tatkaal Khabar / 29-03-2020 02:36:04 am | 22339 Views | 0 Comments
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सूर्य उपासना का प्रमुख पर्व छठ महोत्सव के तीसरे दिन अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। वैसे ज्यादातर भक्त उदित होते सूर्य को अर्घ्य देते हैं, लेकिन मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। चार दिनों तक चलने वाले सूर्य छठ महोत्सव के अवसर पर तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके लिए बड़ी संख्या में व्रती समुद्र, पवित्र नदियों और सरोवरों के किनारे पर इकट्ठा होकर सूर्य को अर्घ्य देंगे। इस बार लॉकडाउन के होने से यह परंपरा घर से निभाई जाएगी। अस्त होते सूर्य का अर्घ्य सोमवार 30 मार्च को दिया जाएगा।

संध्या में सूर्य देव रहते हैं पत्नी प्रत्यूषा के साथ

अस्त होते सूर्य को अर्घ्य इसलिए भी दिया जाता है , क्योंकि इस समय सूर्यदेव अपनी दूसरी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। इस कारण सूर्य को संध्या का अर्घ्य देने वालों को सूर्यदेव के साथ उनकी पत्नी प्रत्यूषा का भी आर्शीवाद प्राप्त होता है। धर्म शास्त्रों में दिन में तीनों समय सुबह, दोपहर और शाम को सूर्य को अर्घ्य देने का प्रावधान है और इन तीनों समय सूर्य को अर्घ्य देने के अलग-अलग फायदे मिलते हैं। सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देने से आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। दोपहर के समय सूर्य की आराधना करने से यश और कीर्ति में वृद्धि होती है। संध्याकाल में सूर्य को अर्ध्य देने से तुरंत लाभ मिलता है।