देर रात तक जागते हैं तो हो जाएं सावधान, बन सकते हैं शारीरिक और मानसिक रोगी
जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए सेहत पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होती है। वहीं सेहत अच्छी करने के लिए खान-पान पर ध्यान देने की जरुरत तो है ही साथ ही अच्छे से सोने की भी जरुरत है। अगर नींद अच्छे से पूरी हुई रहे तो पूरा दिन काफी खुशनुमा बीतता है। इसलिए सभी लोग अपनी नींद को जरुर पूरा करना चाहते हैं और सभी को नींद से प्यार भी होता है। लेकिन आजकल के टेक्नोलॉजी के दौर में लोग रात को मोबाइल चलाने के चक्कर में अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते हैं। वहीं कई लोग सोनें का रुटीन भी बदल देते हैं। कई लोग देर रात तक जागते है और सुबह लेट तक सोते हैं। ऐसा करने वालों को मानसिक और शारीरिक परेशानियां झेलनी पड़ती है।
कोरोना की वजह से देशभर में लॉकडाउन होने के बाद इस समय लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। ऐसी स्थिति में लोगों के सोने-जागने की आदत और ज्यादा खराब हो गई है। मगर एक नई रिसर्च में वैज्ञानिकों ने सोने और जागने की आदतों का आपके दिल और दूसरे अंगों पर प्रभाव के बारे में पता लगाया है।
इस रिसर्च के अनुसार अगर आपके सोने का समय निश्चित नहीं है और आप मनमर्जी के अनुसार जब चाहे सोते-जागते रहते हैं, तो ये आदत जल्द ही आपको दिल की गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती है। इसके उलट यदि आप रोजाना एक फिक्स समय पर सोते हैं, तो ये आदत आपके दिल के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है।
कैसे की गई रिसर्च?
ये रिसर्च University of Notre Dame द्वारा की गई है। रिसर्च में 557 युवाओं को शामिल किया गया है, जिनके स्लीप टाइम और अन्य डाटा के लिए फिटबिट की सहायता ली गई। इस रिसर्च के लिए इन सभी युवाओं के बेड टाइम, स्लीप और रेस्टिंग हार्ट रेट आदि का डाटा शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि जो लोग अपने फिक्स समय से 30 मिनट इधर-उधर के अंतर पर सो जाते हैं, उनका रेस्टिंग हार्ट रेट काफी सामान्य था। जबकि जिन लोगों में ये अंतर 1 घंटे ज्यादा या कम था, उनके रेस्टिंग हार्ट रेट में काफी बढ़ोत्तरी पाई गई। इस रिसर्च को Nature नामक जर्नल में छापा गया है।