रमजान के दौरान कश्मीर में नमाजियों को रोकना बड़ी चुनौती

By Tatkaal Khabar / 24-04-2020 02:43:33 am | 12287 Views | 0 Comments
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कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 के संकट काल में रमजान के दौरान नमाजियों को मस्जिदों तक जाने से रोकना कश्मीर पुलिस के लिए चुनौती साबित होने वाला है। ऐसी आशंका इसलिए है क्योंकि कोरोना लॉकडाउन के दौरान आने वाले जुम्मे के दिनों में नमाजियों को एकत्र होने से रोकने के लिए कश्मीर पुलिस को अच्छी खासी मेहनत करनी पड़ी थी। 

लॉकडाउन को प्रभावी रूप से लागू करने में जुटे प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि पाक रमजान का पहला दिन हो या फिर रमजान का पहला जुम्मा, कई लोग कोशिश करेंगे कि वे मस्जिद में ही नमाज अदा करें, इससे कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जारी कवायद को बड़ा नुकसान पहुंचेगा। अधिकारियों के मुताबिक, बीते दिनों के अनुभव के आधार पर हमें लगता है कि कई जगह लोग जबरदस्ती सामूहिक नमाज के लिए मस्जिदों में जमा हो सकते हैं।

जानकारी के लिए पाक रमजान माह शुरू होने वाला है, लेकिन इस बार न सहरी के लिए उठाने सहरखान आएगा और न ही मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ जुटेगी। इफ्तार की दावत भी नहीं होगी और शाम को बाजारों में मेले जैसा माहौल भी नहीं दिखेगा। अगर होगा तो सिर्फ कोरोना का सन्नाटा। सभी घरों में ही नमाज अता करेंगे, मस्जिदों में नहीं आएंगे।

कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम मुफ्ती नसीर उल इस्लाम ने हिदायत जारी कर दी है। जमीयत-ए-अहल-ए-हदीस और शिया संप्रदाय के धर्मगुरुओं ने भी लोगों से घरों में रहने की अपील की है। घरों में ही रहकर इबादत करेंगे तो कोरोना की कश्मीर में बढ़ती श्रृंखला पूरी तरह टूट जाएगी। यह तीस दिन कोरोना को हराने में कारगर होंगे, बशर्ते सभी घरों में ही रहें। केंद्रशासित जम्मू कश्मीर राज्य की अधिसंख्य आबादी मुस्लिम ही है। घाटी में 97 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है।