दुश्मनों पर कहर बरसाने वाला ‘तेजस’ गणतंत्र दिवस पर दुनिया को दिखायेगा ताकत…
देश के दुश्मनों को नाको चने चबा देने के लिए ‘तेजस’ नाम ही काफी है, क्योंकि ये नाम है दुश्मनों पर कहर बनकर टूटने वाले नए लड़ाकू विमान का. देश में बने इस लड़ाकू विमान को पिछले साल जुलाई में ही भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है. तेजस को लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट यानि की एलसीए भी कहा जाता है. इस विमान ने 2001 में पहली प्रोटोटाइप उड़ान भरी और तब से लेकर आज दो हजार घंटे से ज्यादा ये उड़ान भर चुका है लेकिन अभी तक इसका रिकार्ड अव्वल है. पहली बार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड पर होने वाले फ्लाई-पास्ट में स्वदेशी लड़ाकू विमान ‘तेजस’ हिस्सा लेगा. यानि आसमान में उड़ता हुआ नजर आएगा. राजपथ पर तीन तेजस विमान वी-फोरमेशन में उड़ान भरते नजर आएंगे. आपको ये बता दें कि दुनिया में गिनती के ही देश है जो खुद लड़ाकू विमान बनाते है. तेजस तो दिसंबर 2013 में इसको इन्सियल ऑपरेशनल किलयेरन्स मिल चुका है और इस साल के अंत तक फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेन्स भी मिल जाने की उम्मीद है. इसका मतलब ये है एफओसी मिलने के बाद ये लड़ाई में लड़ने के लिये तैयार हो जाएगा. अगर इसकी खूबियों की बात करें तो ये 50 हजार फीट तक उड़ सकता है. दुश्मन पर हमला करने इसमें हवा से हवा में मार करने वाली डर्बी मिसाइल लगी है तो जमीन पर निशाने लगाने के लिये आधुनिक लेजर गाइडेड बम लगे हुए है. अगर ताकत की बात करें तो पुराने मिग 21 से कही ज्यादा मजबूत है और मिराज 2000 से इसकी तुलना कर सकते है. इसका फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम जबरदस्त है और कलाबाजी में इसका कोई सानी नहीं है. ऐसा भी नहीं है कि राजपथ पर लोगों को केवल देशी तेजस उड़ान भरता नजर आएगा. बल्कि, तेजस के साथ सुखोई, मिराज, मिग-29 और जगुवार जैसे 35 लड़ाकू विमान तो होंगे ही जिनके गड़गड़ाहट से पुरा आसमान गुंज उठेगा. साथ में परिवहन विमान सी-17 महिला पायलट उड़ाती दिखेंगी. वायुसेना के हेलीकॉप्टर और 400 किलोमीटर तक हर हरकत पर नजर रखने वाला अवाक्स भी आसमान में अपनी मौजूदगी दर्ज करायेंगे.