हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर योगी सरकार ने कसा शिकंजा, अपराध में पत्नी ऋचा भी करती थी सहयोग पुलिस ने मोबाइल किया जब्त
कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या के आरोपी करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे पांचवे दिन भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। यूपी, राजस्थान, हरियाणा और बिहार में उसकी घेराबंदी जारी है। यूपी में पुलिस की 60 टीमें उसे ढूंढने में लगाई गई हैं। वहीं, पुलिस की जांच में उसके परिवार के सदस्यों के चेहरे भी बेनकाब होने लगे हैं। पुलिस की रडार पर आई विकास की पत्नी ऋचा के बारे में चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जांच में सामने आया है कि ऋचा के मोबाइल से गांव का सीसीटीवी कनेक्ट रहता था। जब भी पुलिस विकास को पकड़ती थी, वह क्लिप को सोशल मीडिया पर वायरल कर देती, ताकि पुलिस उसका एनकाउंटर न कर सके। यही नहीं, वह मोबाइल पर वहां की एक्टिविटी भी देखा करती थी। पुलिस ने ऋचा का मोबाइल जब्त कर लिया है।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि विकास की पत्नी ऋचा जिला पंचायत सदस्य है। उसे विकास के हर अच्छे-बुरे कामों की जानकारी रहती थी। यही वजह है कि वह क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य होने के बावजूद लखनऊ आवास पर बच्चों के साथ रहती थी। वह नहीं चाहती थी कि विकास के गलत कामों का नतीजा उसके बच्चे या वह खुद भुगते। विकास को खुद से जुड़ी खबरों की पेपर कटिंग जमा करने का भी शौक था। बिकरु गांव में स्थित घर के ध्वस्तीकरण के समय एक ऐसी ही फाइल सामने आई जिसमें विकास की 1991 के बाद से अखबारों में प्रकाशित खबरों की कटिंग सुरक्षित रखी गई थीं। यही नहीं, बड़ी आपराधिक घटनाओं में संलिप्त में होने की खबरों की कटिंग भी मिली हैं।
विकास और उसके भाई दीप प्रकाश के खिलाफ लखनऊ के कृष्णानगर कोतवाली में रंगदारी वसूलने और धमकी का केस दर्ज किया गया है। दीप प्रकाश के घर से बरामद हुई एंबेसडर कार को विनीत पांडे के नाम के व्यक्ति ने नीलामी में खरीदी थी। विकास ने विनीत को धमकाते हुए जबरन नीलामी में खरीदी कार को उठा लिया था। विनीत की शिकायत पर ही पुलिस ने केस दर्ज किया है। हिस्ट्रीशीटर विकास का करीबी होने के शक में पुलिस ने बसपा नेता अनुपम दुबे समेत 13 लोगों को हिरासत में लिया था। पुलिस ने इन लोगों से 10 घंटे तक पूछताछ की। जांच में पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिले। जिन लोगों को हिरासत में लिया गया था, उनके सभी असलहे वैध पाए गए। वाहन चेकिंग के दौरान सीतापुर-हरदोई बाॅर्डर से पुलिस ने बसपा नेता को हिरासत ले लिया था। दो लग्जरी गाड़ियों में सवार 13 लोगों के पास से 9 असलहे और बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद हुए थे। अब सभी लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया है।
कानपुर मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद शक के घेरे में आए चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया, ”थानाध्यक्ष विनय तिवारी के ऊपर लग रहे आरोपों के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इन आरोपों की जांच की गहन तरीके से जांच की जा रही है। अगर उनका या किसी भी पुलिसकर्मी का इस घटना से कोई संबंध निकला तो उसे न केवल बर्खास्त किया जाएगा बल्कि जेल भी भेजा जाएगा।’’ पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह जाना जा सके कि दुबे को उसके घर पर पुलिस की छापेमारी के बारे में पहले से खबर कैसे लगी जिससे उसने पूरी तैयारी के साथ पुलिस दल पर हमला किया।