सांसों के लिए तड़प तड़पकर मर गया डॉक्टर लेकिन तीन अस्पतालों ने नहीं किया इलाज
बेंगलुरु : कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण एक सरकारी डॉक्टर की मौत हो गयी. कोरोना (Coronavirus Pandemic) के मरीजों का इलाज करने वाले डॉ मंजूनाथ (Dr Manjunath) को जब खुद इलाज की जरूरत पड़ी तो तीन अस्पतालों ने उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया. डॉ मंजूनाथ को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी. उनके परिवार वाले अस्पताल का चक्कर लगा रहे थे, लेकिन इलाज नहीं हुआ.डॉक्टर के मौत ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. डॉक्टर के पास कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट नहीं होने के कारण उन्हें तीन अस्पतालों ने भर्ती करने से इनकार कर दिया. बाद में हालत ज्यादा गंभीर होने के बाद डॉक्टर को बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज ऐंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गयी.डॉ मंजूनाथ राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में काम करते थे और वे बेंगलुरु से लगभग 50 किमी दूर रामनगर जिले में पोस्टेड थे. उनके रिश्तेदार डॉ नागेंद्र ने बताया कि कोरोना के मरीजों का इलाज करते-करते उनके भाई संक्रमित हुए. 25 जून को बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद डॉ मंजूनाथ को अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया था. कोविड टेस्ट की रिपोर्ट ना होने के कारण किसी अस्पताल ने उन्हें भर्ती नहीं किया.
डॉ नागेंद्र ने बताया कि इलाज के दौरान उनके भाई को फिजियोथेरेपिस्ट की जरूरत थी, लेकिन कोई भी थेरेपिस्ट उनका इलाज करने को राजी नहीं हुआ. बाद में एक निजी फिजियोथेरेपिस्ट तैयार भी हुआ, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. डॉ मंजूनाथ के परिवार के छह सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे. वे सभी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं.