कोरोना पर नियंत्रण के लिए सरकार ने झोंकी पूरी ताकत, UP की सभी लैब में बढ़ाई जाएगी RTPCR से टेस्टिंग:चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना

By Tatkaal Khabar / 30-07-2020 04:08:07 am | 13331 Views | 0 Comments
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उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) ने प्रदेश की सभी लैब में आरटीपीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमैटेस चेन रिएक्शन) से टेस्टिंग बढ़ाने की बात कही है। सरकारी क्षेत्र में 25 और निजी क्षेत्र में भी इतनी ही लैबों में आरटीपीसीआर के माध्यम से टेस्टिंग हो रही है। ये सभी लैब रोजाना 35-40 हजार तक आरटीपीसीआर तकनीक से टेस्टिंग कर रही हैं। इन्हीं लैब की सहायता से प्रदेश से प्रतिदिन टेस्टिंग एक लाख से ऊपर हो रही है। सरकार सभी प्रकार के संक्रमित लोगों की पहचान कर टेस्टिंग करेगी।


सुरेश खन्ना ने कहा कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने पूरी ताकत लगाई हुई है। संक्रमण को कम करने में सरकार काफी हद तक सफल भी हुई है। संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में निगरानी समितयां भी बनाई हुई हैं। इन निगरानी समितियों ने 7 करोड़ 22 लाख 91 हजार से अधिक लोगों की निगरानी की। उनके अंदर जरा भी लक्षण पाए गए तो उनका एंटीजेन टेस्ट किया गया। फिर स्थिति के अनुसार उनके नमूने की जांच आरटीपीसीआर से भी की गई।

उन्होंने कहा कि सरकार ने टेस्टिंग की शुरूआत ही आरटीपीसीआर से की थी। शुरूआत में केवल एक लैब थी। लेकिन केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में अब 50 आरटीपीसीआर की लैब हैं। कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए हमारे पास वेंटीलेटर और बेड की कमी नहीं है। 1480 सरकारी कोविड अस्पतालों में और 600 प्राइवेट अस्पतालों में वेंटीलेटर उपलब्ध हैं। एल-2 स्तर ही नहीं अपितु एल-1 स्तर के बेडों पर भी ऑक्सीजन की व्यवस्था है।


चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन का फैसला सही समय पर लिया गया है। हमारे प्रदेश की स्थितियां में ऐसी नहीं थी कि कोरोना संक्रमण की शुरूआत में ही होम आइसोलेशन की इजाजत दे देते। प्रदेश में बड़ी आबादी ऐसी है, जिसके पास दो कमरे और दो शौचालय नहीं हैं। इसलिए लक्षणविहीन और हलके लक्षण वाले मरीजों को भी अस्पताल में भर्ती किया गया।