पैरों में अभी भी ना पहनें सोने के गहने,बनता है दुर्भाग्य की वजह..

By Tatkaal Khabar / 25-08-2020 03:38:59 am | 63948 Views | 0 Comments
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आभूषण पहनना हिंदू परंपरा का एक बड़ा हिस्सा है। शादी हो या फिर अन्य कोई अवसर, गहने पहनने का अपना एक अलग ही महत्त्व है। दुल्हन की खूबसूरती में चार चाँद लगाना और खूबसूरती से उसे संवारने का काम गहने ही करते हैं। आपने अक्सर शादीशुदा महिलाओं को पैरों में बिछिया और पायल पहने हुए देखा होगा। आमतौर पर महिलाएं सोने के गहने पहनना पसंद करती हैं लेकिन पैरों की पायल हो या बिछिया, हमेशा चांदी की ही पहनी जाती है। वैसे आभूषण पहनने का कारण महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाना है, लेकिन हमारी परंपरा और प्रथाओं के पीछे के अंतर्निहित कारणों को देखा जा सकता है। हमारी हिंदू मान्यताओं के अनुसार कमर के नीचे सोने के आभूषण नहीं पहनने चाहिए। इसी मान्यता को आगे बढ़ाते हुए आपने अक्सर घर के बुजुर्गों को ये कहते सुना होगा कि पैरों में पायल और बिछिया सोने के न पहनें। 

इस प्रथा के पीछे कई मान्यताओं से हटकर एक वैज्ञानिक कारण यह है कि सोने के आभूषण शरीर को गर्म रखते हैं, जबकि चांदी शीतलता प्रदान करती है इसलिए चांदी के आभूषण शरीर को ठंडा रखने का काम करते हैं। इस प्रकार, कमर के ऊपर सोना और कमर से नीचे चांदी पहनने से हमारे शरीर का तापमान संतुलित रहता है जिससे कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है। 

ऐसे आभूषण पहनने से ऊर्जा सिर से पैरों की तरफ और पैरों से सिर की तरफ फ्लो होती है। वहीं अगर सिर और पांव दोनों में ही गोल्ड ज्वेलरी पहन ली जाए तो इससे शरीर में सामान ऊर्जा का फ्लो होगा इससे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है और कई बीमारियां हो सकती हैं। 
पांव और टांग का जॉइंट जिसमे पायल पहनी जाती है, केतु का स्थान होता है। अगर केतु में शीतलता नहीं हो तो वो हमेशा नकारात्मक सोच के साथ क्लेश वाली बात ही करेगा।  इसलिए सहनशक्ति बढाने के लिए चांदी की पायजेब पहनना सबसे ज्यादा ज़रूरी है। 


धार्मिक मान्यतानुसार भगवान विष्णु को सोना अत्यंत प्रिय हैं क्योंकि सोना लक्ष्मी जी का स्वरुप होता है। इसीलिए सोने को शरीर के निचले हिस्सों में जैसे पैरों में, पायल और बिछिया पहनना भगवान् विष्णु सहित समस्त देवताओं का अपमान  होता है। 

महिलाओं को यदि पैरों की हड्डियों में दर्द की समस्या है तो वो चांदी की पायल पहन सकती हैं क्योंकि पायल पैरों में रगड़कर हड्डियों और जोड़ों के दर्द में राहत दिलाती है। 
इससे शरीर में रक्त संचार अच्छी तरह से होता है जिसकी वजह से महिलाओं से जुड़ी कई समस्याओं में लाभ मिलता है। 
वहीं चांदी की बिछिया पहनने से मासिक धर्म नियमित रहते हैं। बिछिया पैरों में एक्यूप्रेशर का भी काम करती है। 
पायल में लगे घुंघरुओं की खनक घर में पॉज़िटिव एनर्जी का संचार करती है।