अयोध्या में प्रभु राम के मंदिर को भव्यरूप देने में जुटी योगी सरकार,त्रेता युग का गौरव पुनः प्राप्त करेगी अयोध्या...

By Tatkaal Khabar / 03-09-2020 03:13:29 am | 13080 Views | 0 Comments
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लखनऊ, 3 सितंबर:: भगवान श्रीराम ने जिस अयोध्या के लिए स्वयं कहा है -अवधपुरी सम प्रिय नहिं सोऊ, उसी अयोध्या को योगी आदित्यनाथ सरकार पुनः त्रेतायुग की पहचान देने लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। सनातनी आस्था की प्रतीक, सप्तपुरियों में प्रथम अयोध्या प्राचीन गौरव के साथ स्थापित होते ही अयोध्या न केवल भारतीय बल्कि दुनिया भर के सनातन परम्परा के अनुयायी के लिए धर्म और आस्था के प्रमुख केन्द्र के रूप में गौरव प्राप्त करने में सफल हो जाएगी। करीब पांच शताब्दियों की आशाओं और उम्मीदों को संजोए सनातनियों के लिए हर्ष का क्षण है कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ हो रहा है इसलिए अब आवश्यकता इस बात की है कि अयोध्या भविष्य की जरूरतों के लिहाज से तैयार हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या को नई साइनिंग और नई पहचान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के कायाकल्प पर 2000 करोड़ अधिक की राशि खर्च कर रही है। जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण और वहां बनने वाली दुनियां की सबसे ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा बनने के बाद भविष्य में वहां पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। सरकार के अनुमान के अनुसार 2020 से 2031 के दौरान इस संख्या में तीन गुने 2.2 करोड़ से 6.8 करोड़ से अधिक की वृद्धि होगी। इसे देखते हुए सरकार अयोध्या में हास्पिटैलिटी पर विशेष फोकस कर रही है। 
Ayodhya Ram temple before Bhumipujan changes the time of Ramlala darshan  know new timing -

आने वालों को बेहतर सुविधाएं मिलें। उनके दिलो-दिमाग पर अयोध्या की अच्छी और अमिट छवि चस्पा हो। अयोध्या केवल आध्यात्मिक नगर के रूप में ही न देखी जाए बल्कि आस्था के साथ अर्थव्यवस्था को भी जोड़ जाए यानि अयोध्या को आध्यात्मिक अर्थव्यवस्था से जोड़कर दुनिया भर के आध्यात्मिक पर्यटकों को आकर्षित करने उपादान निर्मित किए जाएं, इसके लिए रणनीतिक स्तर पर कार्ययोजना बन चुकी है और इसके परिणाम जल्द ही दिखने आरम्भ हो जाएंगे। 

 अगर सभी विभागों को जोड़ लिया जाय तो दो हजार करोड़ रुपये से अयोध्या के कायाकल्प की तैयारी है। मौजूदा समय में पर्यटन विभाग की ओर से 258.12 करोड़ रुपये की लागत से समेकित पर्यटन के लिए विकास के कई काम जारी हैं। कुछ पूरे भी हो चुके हैं। इसके अलावा सभी प्रमुख प्रवेश मार्गों पर थीम बेस्ड गेट के निर्माण, परिक्रमा पथों के विकास, कुन्डों की जीर्णोद्धार, टूरिस्ट फैसिलिटेशन के निर्माण, पार्किंग, यात्री सुविधाओं और फूडकोर्ट के निर्माण आदि के लिए केंद्र सरकार को 200 करोड़ का प्रस्ताव भी विभाग की ओर से शीघ्र ही केंद्र को भेजा जाना है। 

वैदिक और स्मार्ट सिटी का समन्वय होगी नव्य अयोध्या
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इसके अलावा एक नव्य अयोध्या का भी निर्माण भी होना है। ऐसी अयोध्या जो  वैदिक और स्मार्ट सिटी का समन्वय हो। इसमें इक्ष्वाकुपुरी की वह  परिकल्पना भी साकार होगी जो हमारी पौराणिक धरोहर की साक्षी बनेगी। इसके माध्यम से भावी पीढ़ियों तक अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के साथ-साथ ऐतिहासिक चरित्रों को जानने का अवसर हासिल होगा। इसके लिए उप्र आवास-विकास परिषद ने 639 एकड़ भूमि भी चिन्हित की है। फिलहाल अयोध्या में राम की पैड़ी के सुंदरीकरण, यहां के फसॉड इंप्रूवमेंट के सिविल कार्य, बहुउद्देशीय हाल, गुप्तार घाट और लक्ष्मण किला घाट और रामकथा का विस्तारीकरण, राजा दशरथ की समाधि के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है। पंच कोसी परिक्रमा पर परिक्रमा करने वालों के विश्राम के लिए जगह-जगह छाजन बनाने, मल्टी लेवेल कार पार्किंग, बस स्टैंड, क्ववीन-हो मेमोरियल का सुंदरीकरण और यात्री निवास के उच्चीकरण का काम जारी है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग,लोकनिर्माण, नगर विकास एवं शहरी नियोजन, सिंचाई एवं जल शक्ति, ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग की ओर से भी अयोध्या के कायाकल्प के लिए काम कर हैं। इन सबके कामों को जोड़ दें तो अयोध्या के विकास पर आने वाले समय में केंद्र और प्रदेश सरकार 2000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने जा रही है।
         CM        - cm yogi arrives at ayodhya take stock of bhoomi pujan preparations  sohsnt

गुप्तार घाट से नया घाट तक सरयू तट का होगा सौंदर्यीकरण
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सरकार की योजना है कि गुप्तार घाट से नया घाट तक रीवर फ्रंट को विकसित किया जाए। जिससे कि नदी के किनारे पैदल चलने वालों को तकलीफ न हो। नए घाटों के निर्माण के साथ-साथ पुराने घाटों का सरंक्षण और नवीकरण हो। सरकार की यह भी मंशा है कि सरयू पर किसी डैम की संभावनाएं भी तलाशी जाएं जिससे राम की पैड़ी में जल का प्रवाह निरंतर बना रहे।
 
होटल इंडस्ट्री को पसंद अयोध्या
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किसी शहर की संभावनाओं का अंदाजा बाजार को सबसे पहले लगता है। अयोध्या में पर्यटक आएंगे तो उनके ठहरने की भी व्यवस्था उनके बजट में होनी चाहिए। इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर होटल इंडस्ट्री के लिए अयोध्या निवेश का पसंदीदा स्थल बन गया है। 2018 में नयी पर्यटन नीति आने के बाद वहां के लिए 20 प्रस्ताव सरकार को मिल चुके हैं। इसमें एक-एक होटल और रीसॉर्ट के अलावा 12 बजट, 3 हेरीटेज और बाकी सामान्य होटल है। नव्य अयोध्या के निर्माण के साथ इंडस्ट्री के बड़े प्लेयर भी अपने लक्जरी ब्रांड के साथ अयोध्या आएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा है कि सनातन आस्था के प्रतीक प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या को आधुनिकता और परंपरा के अद्भुत संगम के रूप में वैश्विक मानचित्र पर अंकित कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अयोध्या को 'सोलर सिटी' के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है। यह अयोध्या को अन्य नगरों के लिए प्रेरणास्रोत के रूप में प्रस्तुत करेगा। मुख्यमंत्री  ने अधिकारियों को इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद अयोध्या के विकास कार्यों के संबंध में अन्तर्विभागीय समीक्षा बैठक में कहीं। मुख्यमंत्री  ने कहा कि अयोध्या के चहुँमुखी विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। अयोध्या के प्रतिष्ठित पंचकोसी, चौदहकोसी और चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग से जुड़े विकासकार्यों की अद्यतन स्थिति से अवगत होते हुए मुख्यमंत्री  ने कहा है परिक्रमा मार्ग से जुड़ी कोई भी परियोजना संचालित करते समय यह ध्यान रखें कि श्रद्धालुगण पैदल परिक्रमा करते हैं। अतः परिक्रमा पथ पर यात्री सुविधाओं का विकास करें। अयोध्या विकास प्राधिकरण भी इस कार्य में आवश्यक सहयोग सुनिश्चित करें।छोटी गाड़ियों के लिए प्रस्तावित मल्टी लेवल पार्किंग में औद्योगिक गतिविधियों की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे व्यापारियों का पुनर्वास होगा। उनकी आजीविका का मार्ग तैयार हो सकेगा।मुख्यमंत्री  ने कहा है कि अयोध्या के पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों के पुनरुद्धार की कार्ययोजना बनाएं।

गुप्तार घाट से नया घाट तक रिवर फ्रंट: 
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अयोध्या के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि गुप्तार घाट से नया घाट तक रिवर फ्रंट का विकास करें। यह अयोध्या के धार्मिक पर्यटन को नवीन आयाम प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या धार्मिक पर्यटन का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है। निकट भविष्य में देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक आएंगे। ऐसे में वहां गाइड की आवश्यकता होगी। अयोध्या में अच्छे कुशल गाइड की उपलब्धता हेतु पर्यटन विभाग कार्ययोजना तैयार करे। रोजगार सृजन की दृष्टि से भी यह उपयोगी होगा। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री  ने कहा कि राम की पैड़ी में सरयू जी के जल का प्रवाह हो, इस दिशा में सिंचाई विभाग इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करे।  समीक्षा बैठक में विभिन्न विकासकार्यों हेतु भूमि अधिग्रहण के प्रकरण पर भी विमर्श हुआ। ग्राम मांझा बरहटा में 80.357 हेक्टेयर भूमि क्रय करने के प्रकरण में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की दर तय करने में जनहित और जन अपेक्षाओं का विशेष ध्यान रखें। जिलाधिकारी अयोध्या इस प्रकरण में शीघ्र निर्णय लें। इसी प्रकार सहादतगंज पर गोरखपुर से लखनऊ जाने वाले वाहनों की सुविधा के लिए फ्लाइओवर का कार्य शीघ्रता से पूर्ण किये जाने के निर्देश भी दिए गए। 

लंबित प्रकरणों का शीघ्रता से निस्तारण सुनिश्चित करें:
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अयोध्या में प्रस्तावित एयरपोर्ट के बारे में मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि  अवरोधों को शीघ्रातिशीघ्र दूर किया जाए। मुख्यमंत्री जी को जिलाधिकारी अयोध्या ने अवगत कराया कि एयरपोर्ट के लिए 160 एकड़ भूमि प्राप्त हो गई है, शेष 250 एकड़ भूमि अधिग्रहण हो रहा है। मुख्यमंत्री  ने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों हेतु किए जा रहे भूमि अधिग्रहण की दर एक समान हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री  ने कहा को विकास की अलग-अलग परियोजनाओं में संलग्न सभी विभाग जैसे, पीडब्ल्यूडी, आवास, जल शक्ति, राजकीय निर्माण निगम, पर्यटन परस्पर समन्वय रखें। विभागाध्यक्षगण निर्णय लेने में देर न करें। उन्होंने विकास कार्यों को समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण ढंग से मानकों के अनुसार पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए साथ ही यह भी कहा कि विकास कार्यों के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। रामायण सर्किट (अयोध्या से सीतामढ़ी अयोध्या से चित्रकूट) अयोध्या की विशिष्ट पहचान की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे संबंधित कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए।

धार्मिक पर्यटन को नवीन आयाम देगी रामायण सर्किट
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि भगवान से जुड़े स्थलों को एक सूत्र में जोड़ते हुए 'रामायण सर्किट' की परियोजना संचालित है। देश में धार्मिक पर्यटन के उद्देश्य से यह अत्यंत उपयोगी होगी। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी ने 
कहा कि अयोध्या की विशिष्ट पहचान की दृष्टि के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के लिए भी यह परियोजना महत्वपूर्ण है। अतः इससे संबंधित कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। इसमें किसी प्रकार की नीतिगत शिथिलता, देरी न की जाए।