संध्यावंदन के समय कपूर जलाने से होता है देवदोष व पितृदोष .....

By Tatkaal Khabar / 10-09-2020 03:33:31 am | 21036 Views | 0 Comments
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आप अपने घर में संध्या समय धूप और अगरबत्तियों से महकते मंदिर देखे होंगे। कहते भी हैं कि धूप जलाने से मन में शांति और प्रसन्नता आती है। इसके अलावा भी धूप के कई अन्य ज्योतिषीय टोटके हैं। आइए जानें-


गुग्गुल की धूप : गुग्गुल का उपयोग सुगंध, इत्र व औषधि में भी किया जाता है। इसकी महक मीठी होती है और आग में डालने पर वह जगह सुंगध से भर जाती है। इस बहुत से रोगों में भी लाभदायक माना जाता है।

लोबान की धूप: लोबान को सुलगते हुए कंडे या अंगारे पर रख कर जलाया जाता है। लोबान का इस्तेमाल अक्सर मंदिर और दरगाह जैसी जगहों पर होता है। लोबान को जलाने के नियम होते हैं।

गुड़-घी की धूप : इसे अग्निहोत्र सुगंध भी कह सकते हैं। गुरुवार और रविवार को गुड़ और घी मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं। चाहे तो इसमें पके चावल भी मिला सकते हैं। इससे जो सुगंधित वातावरण निर्मित होगा, वह आपके मन और ‍मस्तिष्क के तनाव को शांत कर देगा।

नकारात्मकता शक्तियों को भगाने के लिए : पीली सरसों, गुगल, लोबान, गौघृत को मिलाकर इसकी धूपबना लें और सूर्यास्त के बाद दिन अस्त के पहले उपले (कंडे) जलाकर यह सभी मिश्रित सामग्री उस पर डाल दें और उसका धुआं संपूर्ण घर में फैलाएं। ऐसा 21 दिन तक करे।

कपूर की धूप : कपूर बहुत पवित्र माना गया है। हिन्दूधर्म अनुसार कपूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कपूर जरूर जलाएं।