UP:टेस्टिंग और ट्रेसिंग को योगी सरकार ने माना मंत्र एक दिन में डेढ़ लाख कोविड टेस्ट कर यूपी ने बनाया रिकॉर्ड
लखनऊ, 11 सितंबर: 'टेस्टिंग और ट्रेसिंग' के मंत्र को आत्मसात कर उत्तर प्रदेश में कोविड टेस्टिंग में हर दिन एक नया कीर्तिमान रचा जा रहा है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश ने महज एक दिन में 1,50,652 कोविड टेस्ट कर एक रिकॉर्ड बनाया। इसमें से करीब 50,000 टेस्ट आरटी पीसीआर से हुए हैं। यूपी में अब तक 72,17,980 टेस्ट हो चुके हैं और इस तरह उत्तर प्रदेश टेस्टिंग के पैमाने पर देश मे शीर्ष पायदान पर है। वहीं अगर आबादी के लिहाज से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश की आबादी लगभग 24 करोड़ है, जबकि यहां मौतों का आंकड़ा करीब 4,026 है, तो दूसरी तरफ देश की राजधानी दिल्ली जिसकी आबादी ढाई करोड़ के आस-पास है, वहां मौतों का आंकड़ा 4,666 है।
वास्तव में, तमाम विषमताओं, समस्याओं और चुनौतियों के बीच भी उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने एक-एक नागरिक की सामाजिक सुरक्षा और जीवन रक्षा सुनिश्चित करने की असंभव कल्पना को वास्तविकता में परिवर्तित किया है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे आबादी में कम और संसाधनों में सम्पन्न राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश ने अपनी जीवटता, सटीक नियोजन और प्रभावी क्रियान्वयन से कोरोना पर काबू पाने में सफलता हासिल की है। इन बातों की तस्दीक आंकड़ों से की जा सकती है। भारत की बात करें तो वर्तमान में, 7.64 लाख मामलों और 24 से अधिक मौत के साथ महाराष्ट्र भारत का सबसे अधिक प्रभावित राज्य है तो तमिलनाडु में 4.15 लाख मामले और सात हजार से अधिक मौतें दर्ज की गईं हैं। आंध्र प्रदेश में 4.24 लाख मामले और करीब चार हजार मौत हो चुकी हैं। अब जरा विश्व की स्थिति पर भी नजर डाल लें। ब्रिटेन में 3.32 लॉक संक्रमितों में से 41 से अधिक मौतें हुईं हैं तो फ्रांस में 2.56 लाख में से 30 हजार से अधिक की मौत कोरोना के कारण हुई। इसी तरह इटली में 2.66 लाख संक्रमितों में से 35 हजार से अधिक लोग काल-कवलित हो चुके हैं तो स्पेन में संक्रमित हुए 4.39 लाख में से 29 हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जबकि, उत्तर प्रदेश में अब तक 2.19 लाख लोग संक्रमित हुए, जिनमें से मात्र चार हजार से कुछ अधिक की दुःखद मृत्यु हुई। यहां गौर करने वाली बात यह है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की संयुक्त आबादी (25.48 करोड़) और उत्तर प्रदेश की आबाद (23.78 करोड़) में कोई बहुत अंतर नहीं है। तो ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और स्पेन की संयुक्त रूप से कुल आबादी जो करीब 23.98 करोड़ है, यूपी की आबादी के बराबर ही है। लेकिन यह उत्तर प्रदेश ही है, जहां तमाम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं के बाद भी कोरोना की स्थिति संयमित है, नियंत्रित है। 72.17 लाख कोविड टेस्ट करने के साथ ही यूपी देश में अव्वल है। पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो राष्ट्रीय औसत 8.40% है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 4.08% ही है।
यह उत्तर प्रदेश ही है, जहां तमाम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं के बाद भी कोरोना की स्थिति संयमित है, नियंत्रित है। वास्तव में, 23 करोड़ जनता की कोरोना से सुरक्षा, 20 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों की सकुशल घर वापसी, विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के लाखों अवसर तैयार करना, आर्थिक विकास की योजनाओं से जुड़े फैसलों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी अलग छवि गढ़ दी है। शायद उनका राजधर्म भी यही है जिसे पूरी प्रतिबद्धता के साथ वह निभा रहे हैं। यही कारण है कि चुनौतियों को अवसर में बदलने में माहिर योगी के प्रभावी एवं कुशल नेतृत्व की प्रशंसा के स्वर देश ही नहीं, दुनिया में गूंज रहे हैं।कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे, काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग तथा मेडिकल टेस्टिंग के कार्य जिस प्रभावशाली ढंग से संचालित किया जा रहा है, वह यूपी जैसे राज्य में होना कल्पनातीत था। सहसा विश्वास नहीं होता कि जिस राज्य में कोरोना के शुरुआती दिनों में महज एक टेस्टिंग लैब हुआ करती थी, आज 234 कोविड टेस्टिंग लैब 24×7 क्रियाशील हैं। एक ओर दिल्ली जैसे साधन संपन्न राज्य में कोरोना की टेस्टिंग बन्द अथवा कम करने की खबरें सुर्खियों में हैं वहीं उत्तर प्रदेश में बीते 11 सितंबर को मात्र एक दिन में डेढ़ लाख सैम्पल की जांच की गई। योगी आदित्यनाथ के निर्देशन और निगरानी में यह काम सतत जारी है, दिनों-दिन तेज हो रहा है। दिल्ली जैसी राष्ट्रीय राजधानी में जहां कोरोना मरीजों के लिए बेड की कमी से हाहाकार की स्थिति बन गई और अंततः केंद्रीय गृह मंत्रालय को खुद मोर्चा संभालना पड़ा, वही उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में कहीं भी, कभी भी बेड की कमी नहीं हुई। यूपी में डेढ़ लाख से अधिक बेड केवल कोरोना के लिए आरक्षित हैं। एक ओर जहां विभिन्न राज्यों से आ खड़े छिपाने की खबरें आ रहीं हैं वहीं यूपी सरकार के अधिकारी हर दिन की वस्तुस्थिति से आमजन को अवगत भी करा रहे हैं।