कार्तिक मास में तुलसी पूजा का क्या है महत्व, जानें इसकी कथा
कार्तिक का महीना इस साल 1 नवम्बर से शुरू हो रहा है। मान्यतानुसार कार्तिक का महीना पूर्ण रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इसलिए इस महीने में भगवान विष्णु सहित माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है। इसके अलावा इसी महीने में तुलसी विवाह भी होता है और कार्तिक के महीने में तुलसी पूजन का विशेष महत्त्व है। कहा जाता है कि कार्तिक के महीने में तुलसी की पूजा करने से विष्णु जी को प्रसन्न किया जा सकता है और घर में सुख समृद्धि आती है। आइए जाने तुलसी पूजन का महत्त्व और इससे जुड़ी कथा क्या है -
कार्तिक माह की अमावस्या को तुलसी जी की जन्म तिथि माना गया है। पुराणों में तुलसी के जन्म की एक कथा इस प्रकार बताई गई है- तुलसी पूर्व जन्म में वृंदा थीं और जालंधर राक्षस की पत्नी थीं। जालंधर अत्यंत निर्दयी राक्षस था और उसके अत्याचारों की वजह से भगवान विष्णु ने जालंधर का वध किया था। इससे दुखी वृंदा ने भी अपनी देह त्यागने का निर्णय लिया और तब भगवान विष्णु ने वृंदा को अगले जन्म में अपनी प्रिया बनाने का वरदान दिया। वृंदा के सतीत्व और पतिव्रता धर्म के कारण ही उसे विष्णुप्रिया बनने का वरदान मिला। इसलिए (मलमास में क्यों होती है तुलसी की पूजा) तुलसी को श्रीहरि की पूजा में विशेष स्थान दिया जाता है।
हिंदू कैलेंडर में कार्तिक मास का विशेष महत्व बताया गया है,साथ ही कार्तिक मास के दौरान विशेष तौर पर तुलसी पूजा को महत्वपूर्ण बताया गया है। तुलसी का पौधा मुख्य रूप से पूजनीय माना जाता है। तीज-त्यौहार हो या पूजा-पाठ हर काम में इस पवित्र पौधे की पत्तियों को इस्तेमाल किया जाता है। खासतौर पर विष्णु जी के पूजन में विशेष रूप से तुलसी दल चढ़ाया जाता है। कार्तिक महीने में तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है। कार्तिक माह में भगवान श्रीहरि की पूजा में तुलसी चढ़ाने का फल कई अच्छे कर्मों के पुण्य के बराबर होता है। जिन व्यक्तियों के काम रुके हुए हैं ,जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं उन्हें विशेष रूप से तुलसी पूजन करना चाहिए और तुलसी के पौधे में रोज़ दीपक प्रज्ज्वलित करके आरती करनी चाहिए।