Tulsi Vivah 2020: आज है तुलसी विवाह, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त
Tulsi Vivah 2020: आज देवउठनी एकादशी है. इस दिन तुलसी जी का विवाह होता है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को तुलसी विवाह किया जाता है. इस एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन शालिग्राम संग तुलसी 7 फेरे लेंगी. इस दिन से तुलसी विवाह के साथ ही विवाह के शुभ मुहूर्त आरंभ होते हैं. इस वर्ष देवउठनी एकादशी 25 नवंबर दिन बुधवार को शुरू होकर 26 तारीख को समाप्त होगी. इस साल 25 या 26 नवंबर को होगा तुलसी विवाह . इसे लेकर लोग भ्रमित हो रहे है. क्योंकि एकादशी तिथि दो दिन पड़ रहा है. जो लोग एकादशी उदया तिथि को मनाते हैं वे 26 को करेंगे और जो उदया तिथि को नहीं मानते वे 25 को कर लेंगे. इस दिन तुलसी का विवाह विधिपूर्वक भगवान शालिग्राम के साथ किया जाता है. मान्यता है कि जो व्यक्ति तुलसी विवाह का अनुष्ठान करता है उसे कन्यादान के बराबर पुण्य फल मिलता है. आइए जानते हैं तुलसी विवाह की तारीख, शुभ मुहूर्त और इसका धार्मिक महत्व...
आज पूरे दिन भगवान शालीग्राम और तुलसी की होती है पूजा
पहले तुलसी विवाह पर्व पर पूरे दिन भगवान शालीग्राम और तुलसी की पूजा की जाती थी. परिवार सहित अलग-अलग वैष्णव मंदिरों में दर्शन के लिए जाते थे. तुलसी के 11, 21, 51 या 101 गमले दान किए जाते थे और आसपास के घरों में तुलसी विवाह में शामिल होते थे. इसके बाद पूरी रात जागरण होता था.
तुलसी विवाह की पूजा विधि
एक चौकी पर तुलसी का पौधा और दूसरी चौकी पर शालिग्राम को स्थापित करें. इसके बाद बगल में एक जल भरा कलश रखें और उसके ऊपर आम के पांच पत्ते रखें. तुलसी के गमले में गेरू लगाएं और घी का दीपक जलाएं. फिर तुलसी और शालिग्राम पर गंगाजल का छिड़काव करें और रोली, चंदन का टीका लगाएं. तुलसी के गमले में ही गन्ने से मंडप बनाएं. अब तुलसी को सुहाग का प्रतीक लाल चुनरी ओढ़ा दें. गमले को साड़ी लपेट कर, चूड़ी चढ़ाएं और उनका दुल्हन की तरह श्रृंगार करें. इसके बाद शालिग्राम को चौकी समेत हाथ में लेकर तुलसी की सात बार परिक्रमा की जाती है. इसके बाद आरती करें. तुलसी विवाह संपन्न होने के बाद सभी लोगों को प्रसाद बांटे.