चाणक्य नीति: ये 4 चीजें ही व्यक्ति के आखिरी समय तक निभाती हैं साथ
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं का जिक्र किया है। आचार्य की यह नीतियां मनुष्य को जीवन की सच्चाई से अवगत कराती हैं। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में रोजगार, व्यापार और धन संबंधी कई महत्वपूर्ण बातों को बताया है। एक श्लोक में चाणक्य ने बताया है कि व्यक्ति का साथ आखिरी समय तक कौन-सी चीजें देती हैं।
विद्या मित्रं प्रवासेषु भार्या मित्र गृहेषु च।
व्याधितस्यौषधं मित्र धर्मो मित्रं मृतस्य।।
चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान ऐसी चीज है जो व्यक्ति का मरते दम तक साथ नहीं छोड़का है। नीति शास्त्र के अनुसार, जो व्यक्ति परदेस में अपनों से दूर है, उसके लिए ज्ञान ही उसका सच्चा और परम मित्र है। ज्ञान की मदद से व्यक्ति मुश्किल से मुश्किल संकट दूर कर लेता है।
चाणक्य कहते हैं कि जिस की पत्नी उसकी मित्र, कुशल व्यवाहर और पति का हर कदम पर साथ देने वाली हो ऐसे व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है। चाणक्य कहते हैं कि विपरीत परिस्थितियों में भी पत्नी ही पति को साहस देती है।
चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति की सेहत खराब रहती हो उसके लिए औषधि ही सच्ची मित्र होती है। औषधि ही व्यक्ति के प्राणों की रक्षा करती है। व्यक्ति को रोग में कभी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि धर्म व्यक्ति का सच्चा और परम मित्र होता है। धर्म की राह पर चलने वाला व्यक्ति जीवन को सफल बना सकता है। धर्म के रास्ते पर चलने वाले व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है। चाणक्य कहते हैं कि विद्या, पत्नी, औषधि और धर्म ऐसे मित्र हैं जो व्यक्ति के आखिरी समय तक साथ निभाते हैं।