COVID-19 से ठीक हुए लोगों को Heart Attack का खतरा, ये लक्षण दिखें तो तुरंत करवाएं चेकअप
कोरोना वायरस के पोस्ट साइफेक्ट्स (Post side effects of Corona) को लेकर लंदन में हुई एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (University of Oxford) के विशेषज्ञ ने दावा किया है कि कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके मरीजों की हार्ट अटैक (Heart Attack) से मौत होने की संभावनाएं अधिक हैं.
विशेषज्ञों ने बताया कि दुनियाभर में कोरोना के हर रोज लाखों नए मामले सामने आ रहे हैं. इनमें से अधिकतर मरीजों का इलाज होम क्वारंटीन में चल रहा है, जबकि कुछ मरीज अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं. स्टडी के अनुसार, अस्पताल में कोरोना के इलाज के बाद ठीक हुए मरीजों में ही ब्लड क्लॉट और हृदय से जुड़ी कई समस्या देखी गई हैं. इसलिए ऐसे सभी मरीजों को जल्द से जल्द डॉक्टर से अपने हार्ट की जांच करानी चाहिए. वरना मरीज की स्थिति अचानक बिगड़ने के चांस हैं.
डॉक्टर जीवोत्तम नारंग ने बताया, 'जब हृदय की मांसपेशियां खून को पंप करने की क्षमता खोने लगती हैं या फिर खून को पंप करना कम कर देती हैं. उस वक्त रक्त धमनियां (Blood Arteries) पतली हो जाती हैं, जिससे खून का सही से प्रवाह नहीं हो पाता है. ऐसा होने पर हार्ट अटैक आता है. हालांकि समय पर इस समस्या का पता लगने से मरीज का इलाज आसानी से किया जा सकता है.
डॉक्टर नारंग ने बताया कि शुरुआती दिनों में हार्ट पेशेंट का इलाज दवाइयों के जरिए ही किया जाता है. लेकिन अगर हार्ट फेलियर की स्थिति बनती है तो वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (LVAD) नाम की डिवाइस लगाई जाती है, जो खून को सही तरह से पंप करने में मदद करती है. इसके अलावा मरीजों का हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) भी किया जा सकता है.
हार्ट फेल होने के कई लक्षण होते हैं. जैसे- सांस लेने में कठिनाई, कमजोरी, थकान, टखनों और पैरों में सूजन, अनियमित या तेजी से दिल धड़कना, एक्सरसाइज करने में दिक्कत आना, लगातार खांसी, वजन का तेजी से बढ़ जाना, भूख की कमी, पेशाब ज्यादा आना आदि.