वाराणसी मंडल में गेहूं की रिकॉर्ड खरीद। 3 सौ फ़ीसदी से अधिक गेहूं की हुई ख़रीद
किसानों की आय दुगनी करने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए ,योगी सरकार कोरोना काल में भी किसानों के हित के लिए काम करती रही है। इसका नतीज़ा भी सामने आया। गत वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष गेहूं की क़रीब 300 प्रतिशत अधिक ख़रीद हुई। योगी सरकार ने एमएसपी बढ़ाया। बिचौलियों को बीच से हटा दिया व सरकार ने सीधे किसानों के खाते में उनकी मेहनत की रक़म पहुंचाई । सरकार ने गेहूं के ख़रीद का लक्ष्य निर्धारण नहीं किया,किसानों की पूरी उपज ख़रीदने के लिए तैयार रही । जिससे अन्नदाता को अधिक से अधिक मुनाफ़ा हो पाएं।
पूर्वांचल के अन्नदाताओं ने अपनी मेहनत से गेहूं की अच्छी उपज की है। अब सरकार उनके मेहनत की अच्छी कीमत दे रही है। संभागीय खाद्य नियंत्रक,वाराणसी रविशंकर मिश्र ने बताया कि 2021 -22 में गत वर्ष के सापेक्ष वाराणसी मंडल में गेहूं की 3 सौ प्रतिशत अधिक रिकॉर्ड खरीद हुई है। वाराणसी ,चंदौली,जौनपुर ,गाज़ीपुर को मिलाकर 240327.06 मीट्रिक टन गेहूं की खऱीद हुई है। जो अपने आप में रिकॉर्ड है। पहले गेहूं की इतनी ज़्यादा ख़रीद कभी नहीं हुई है। यहीं नहीं किसानों से गेहूं ख़रीदने के बदले सीधे उनके खाता में समय से पैसा भी पहुँच रहा है। इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रूपया प्रति क्विंटल है। जो पिछले साल के मुक़ाबले 50 रूपये प्रति क्विंटल अधिक है। गेहूं खरीद का कुल भुगतान सरकार को 47464.59 लाख रुपये करना है। जिसके सापेक्ष सरकार ने 42851.48 लाख रुपये की राशि पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से उनके खाते में सीधे पहुँचा दिया है। शेष बची राशि की भुगतान प्रक्रिया जारी है । इस साल 57474 अन्नदाताओं ने अपनी गेहूं बेच कर लाभान्वित हुए है। जो अभी तक का रिकॉर्ड माना जा रहा है। गेहूं खरीद के लिए 255 केंद्र बनाए गए थे।
वही अकेले वाराणसी में 17027.68 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। और किसानों को 2965.04 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है। जिससे 4972 किसान लाभान्वित हुए है। वाराणसी में कुल 31 केंद्र गेहूं खरीद के लिए सरकार ने बनवाए थे ।
पिछले तीन वर्ष के वाराणसी मंडल के गेहूं ख़रीद के आंकड़े
रबी क्रय वर्ष 2018 -19 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 1745 रूपया प्रति क्विंटल था। 217169 . 54 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। और 50048 किसानों को लाभ हुआ।
रबी क्रय वर्ष 2019 -20 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 1860 रुपये प्रति क्विंटल था। 14594 . 23 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। और 30588 किसानों को लाभ हुआ।
रबी क्रय वर्ष 2020 -21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विंटल था। 73477 . 34 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। और 14429 किसानों को लाभ हुआ।
संभागीय खाद्य नियंत्रक ने बताया कि गत वर्षो के मुक़ाबले इस वर्ष गेहूं की रिकॉर्ड खरीद होने के पीछे, सरकार की किसानों के लिए लागू की गई अच्छी योजनाएं है। जिसमे मुख्यत गेहूँ खरीदारी के लिए लक्ष्य का निर्धारण न करना है । बिचौलियों का न होना है। किसानों के खाते में सीधे पैसे देना। और क्रय केन्द्रों पर किसानों को सुविधा देना है।