सीएम योगी ने जनसंख्या नीति का किया एलान, बोले-बच्चे दो ही अच्छे, बढ़ती आबादी गरीबी का कारण है
यूपी सरकार ने प्रदेश के लिए नई जनसंख्या नीति का ऐलान कर दिया है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान इस नीति का ऐलान किया. विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या विकास में बाधक होती है, इसलिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए और कोशिश जरूरी है. सीएम ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरुकता बेहद जरूरी है.
सीएम ने कहा कि जनंसख्या नीति का सीधा संबंध लोगों से है. 2018-2019 में हमने इस बारे में कोशिश शुरू की थी. शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को हमें कम से कम करना है. देश की जनसांख्यिकी पर इसका कोई असर नहीं पड़ना चाहिए. बढ़ती जनसंख्या, गरीबी का कारण है. दो बच्चों के बीच गैप भी होना चाहिए, क्योंकि अगर दो बच्चों के बीच अंतराल नहीं होगा तो उनके पोषण पर भी असर पड़ेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के विभिन्न तबकों को ध्यान में रखकर सरकार इस जनसंख्या नीति 2021 को लागू करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि आबादी को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा. स्कूलों और अन्य जगहों पर भी इस बारे में लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाएगी. 2021-2030 के लिए प्रस्तावित नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के बारे में भी लोगो को जागरूक किया जाएगा.
सीएम योगी ने कहा कि बढ़ती आबादी के बारे में पिछले 4 दशकों से चर्चा चल रही है. जिन देशों और जिन राज्यों ने इस बारे में कोशिशें की हैं वहां अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. विश्व जनसंख्या दिवस पर आज यूपी की जनसंख्या नीति 2021-2030 को जारी किया जा रहा है. समाज में जहां कहीं गरीबी है, वहां जनसंख्या अधिक है. यूनाइटेड नेशन्स ने 2030 तक कुछ लक्ष्यों को प्राप्त करने को कहा है और भारत सरकार भी इन लक्ष्यों के लिए प्रयासरत है.
उन्होंने कहा कि ऐसे तबकों की पहचान करनी होगी, उन तक जाना होगा और उन्हें जागरुक करना होगा ताकि वे इसको लेकर गंभीर विचार कर सकें. अभी हमें कुछ अतिरिक्त प्रयास करने होंगे. उत्तर प्रदेश को और बेहतर प्रयास करने होंगे. पिछले 4 सालों में हमने जो काम किए हैं उसके अच्छे परिणाम आए हैं, लेकिन अभी और प्रयास किए जाने हैं. जनसंख्या के संतुलन पर इसका कोई असर नहीं पड़ना चाहिए. मां और बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा.
क्या है इस नई नीति में
2021-2030 के लिए प्रस्तावित इस नीति के जरिए सरकार परिवार नियोजन को लेकर लोगों को जागरूक करने पर फोकस करेगी. परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी. इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा ताकि नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सके. इस नीति का उद्देश्य 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है.