अयोध्या में आत्मनिर्भता की नजीर बनेगी कान्हा गोशाला

By Tatkaal Khabar / 21-07-2021 02:10:09 am | 14378 Views | 0 Comments
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अयोध्या । राम की नगरी (अयोध्या) में कान्हा की गोशाला आकर ले रही है। तकरीबन 60 फीसद से अधिक काम हो चुका है। योगी सरकार का प्रयास है कि यह गोशाला प्रदेश के लिए मॉडल बने। इसके निर्माण पर करीब आठ करोड़ रुपये की लागत आनी है। अक्टूबर 2019 में सरकार की ओर से इसकी मंजूरी भी मिल चुकी है। साथ ही पहली, दूसरी और तीसरी किश्त के रूप में धनराशि भी स्वीकृति हो चुकी है। कार्य पूर्ण होने पर इस गोशाला में करीब 15 हजार गोवंश रखे जा सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रयास है कि यह गोशाला भविष्य में आत्मनिर्भरता की नजीर बने। इसके लिए गोवंश के गोबर और गोमूत्र के सहउत्पाद जैविक खाद, साबुन, अगरबत्ती, दवाएं, जैविक कीटनाशक आदि बनाकर उनकी बिक्री की जाएगी। सरकार इसकी ब्रांडिग में मदद करेगी।Yogi Adityanath government topped up the 2019-20 budgetary allocation of  more than Rs 600 crore towards cow shelters across Uttar Pradesh-

आवारा कुत्ते और कुछ ऐसे ही जानवर जिनकी बढ़ती आबादी भविष्य में बड़ी संख्या में अयोध्या आने वाले देशी -विदेशी पर्यटकों के लिए समस्या न बनें, इसके लिए सरकार ने इनके बर्थ कंट्रोल (प्रजनन नियंत्रण) के लिए भी करीब 3.20 करोड़ की योजना तैयार की है।

अयोध्या के नगर आयुक्त विषाल सिंह कहते हैं, "बैसिंह स्थित नगर निगम का गोआश्रय स्थल अब कान्हा गौशाला के रूप में आकार ले रहा है। यह करीब 8 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। इसे मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका 60 प्रतिषत काम पूरा हो चुका है। इसमें रोजगार पहले से लोगों को मिल रहे हैं। इसके बनने के बाद बहुत सारे रोजगार अवसर उत्पन्न होंगे। वर्तमान में यहां करीब 1200 सौ गाय रहती है। इसे कान्हा उपवन के नाम पर विकसित किया जा रहा है।"

प्रस्ताव के आधार पर कान्हा गोशाला में बेसहारा गोवंश संरक्षित किए जाने का लक्ष्य प्रस्तावित है। पशु चिकित्सालय, बीमार एवं संक्रमित पशुओं के उपचार व्यवस्था और कांजी हाउस की भी व्यवस्था होगी। इसके अलावा कर्मचारियों के लिए कार्यालय के साथ उनके रूकने व्यवस्था निगरानी के लिए वॉच टावर भी बनना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोप्रेम जगजाहिर है। गोवंश के संरक्षण व संवर्धन से उनका आत्मिक जुड़ाव है। वह जिस विष्व प्रसिद्ध गोरक्षपीठ के कर्ताधर्ता हैं, उसकी ख्याति में गोसेवा भी प्रमुख स्तंभ है। गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में देसी गोवंश की कई नस्लें देश में प्रतिष्ठित हैं। मुख्यमंत्री योगी जब भी गोरखनाथ मंदिर में होते हैं, गोसेवा से ही उनकी दिनचर्या प्रारंभ होती है। कितनी भी व्यस्तता हो, गोवंश को गुड़ चना खिलाना, उन्हें नाम से पुकारकर अपने पास बुलाकर दुलारना वह कभी नहीं भूलते।