किसानों के चेहरों पर मुस्कान, योगी आदित्यनाथ के गन्ना मूल्य में 25 रुपये की बढ़ोतरी
Sugarcane Rate Hike : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गन्ना मूल्य में 25 रुपये की बढ़ोतरी करने से किसानों के चेहरों पर मुस्कान आ गई है। लेकिन, भाकियू नेताओं का कहना है मुख्यमंत्री को अन्य प्रदेशों की तरह गन्ना मूल्य बढ़ाना चाहिए था। छजलैट ब्लाक के किसान रघुपत सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री के गन्ना मूल्य बढ़ाने का फैसला स्वागत के योग्य है। लेकिन, तीनों कृषि कानूनों पर भी केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए। कुंदरकी ब्लाक के जटपुरा गांव के किसान ग्रहण सिंह बोले, गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने के फैसले का सबसे अधिक लाभ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को मिलेगा। कई साल से गन्ना मूल्य बढ़ा नहीं था। चुनाव के समय ही सही सरकार ने किसानों के बारे में सोचा तो सही। अमरपुर गांव के किसान मेघराज सैनी और डोरीलाल सैनी गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने से बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार किसानों के हितों के लिए लगातार काम कर रही है। आंदोलन करने वाले किसानों को सरकार से वार्ता के लिए पहल करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने गन्ना मूल्य पर 25 रुपये बढ़ाकर अच्छा काम किया है। गन्ना मूल्य दस रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से 50 रुपये बढ़ाए जाते को किसान धन्यवाद देते। यह न्याय की बात है। गन्ना संस्थान के अधिकारी ही 301 रुपये लागत बता रहे हैं। डीजल किसान को राशनकार्ड या फर्द पर सब्सिडी पर दें। डा. नौसिंह, किसान नेता सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करे। किसान की फसल की लागत के साथ जमीन का किराया भी जोड़ा जाना चाहिए। महंगाई दर सात प्रतिशत है। इसके हिसाब से 35 रुपये बढ़ने चाहिए था। हरियाणा में बीजेपी की सरकार है, वहां 362 में गन्ने का मूल्य हो गया है। वहां के गन्ने में अंतर क्यों है। यशपाल सिंह, किसान कम गन्ना मूल्य वृद्धि किसानों का अपमान : कांग्रेस प्रदेश महासचिव सचिन चौधरी ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पांच साल में गन्ना मूल्य 25 रुपए बढ़ाकर किसानों का अपमान किया है। किसान की कीमत पांच रुपये सालाना सरकार ने लगाई है। प्रदेश में हमारी सरकार आई तो कम से कम 100 रुपये बढ़ाए जाएंगे। सरकार ने गन्ना मूल्य कम बढ़ाकर किसान विरोधी होने का सुबूत दिया है। मूल्य वृद्धि औसत पांच रुपये प्रति वर्ष आ रही है। पिछले एक साल में 37 रुपये लीटर डीजल महंगा हो चुका है। सही मायने में ये रेट कम से कम 400 रुपये हो तभी किसानों का फायदा है। पंजाब ने 360 रुपये प्रति क्विंटल का रेट घोषित किया है, जबकि वहां बिजली मुफ्त है, यूपी में तो देश की सबसे महंगी बिजली है।