आखिर क्यों होता है यूरिन लीकेज?
कई लोगों खासतौर पर महिलाओं को यूरिन लीकेज की समस्या होती है. हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, यूरिन लीकेज की समस्या लाखों लोगों को प्रभावित करती है. यहां तक कि 54 फीसदी महिलाओं को खांसने या छींकने के दौरान यूरिन लीकेज होती है. लेकिन ये जानना जरूरी है कि आखिर यूरिन लीकेज क्यों होती है और क्या है इससे जुड़े मिथ और उनकी सच्चाई. आइए जानें, इस बारे में क्या कहती है रिसर्च.
दो स्थितियों में होता है यूरिन लीक
यूरिन लीकेज दो तरह से होता है- एक जब खांसने और छींकने के दौरान ब्लैडर पर स्ट्रेस पड़ता है. दूसरा जब ब्लैडर की मांसपेशिंया ओवर एक्टिव हो जाती हैं. दोनों ही सिचुएशंस में यूरिन लीक होना शुरू हो जाता है.
यूरिन लीकेज से जुड़े मिथ
पेल्विक हेल्थ फिजियोथेरेपिस्ट क्लेयर बॉर्न के मुताबिक, यूरिन लीकेज से जुड़े कई मिथ्स हैं.जैसे -
बड़ी उम्र में होता है यूरिन लीकेज
पहला मिथ है कि केवल बड़ी उम्र की महिलाओं को ही यूरिन लीकेज की समस्या होती है. जबकि ये सच नहीं है. 18 से 34 साल की 67 फीसदी महिलाओं को हफ्ते में कम से कम एक बार यूरिन लीकेज महसूस होता है.
गर्भवती या बड़ी उम्र में खांसने-छींकने से होती है ये समस्या
यूरिन लीकेज के बारे में एक गलत धारणा ये है कि यह केवल बड़ी उम्र या गर्भवती महिलाओं को ही खांसने या छींकने के दौरान यूरिन लीक होता है. लेकिन सच ये है कि यह किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकता है और कुछ पुरुषों को भी प्रभावित करता है.
यूरिन लीकेज होना एक दुर्लभ स्थिति है
ये मिथ है कि यूरिन लीकेज बहुत ही रेयर कंडीशन में होता है. जबकि ये सच नहीं है. 88 प्रतिशत महिलाओं को यूरिन लीकेज की समस्या कभी भी महसूस होती है. वहीं 30 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में यूरिन लीकेज की समस्या आम है. गर्भावस्था, मोटापा और मीनोपोज वाली महिलाओं को यूरिन लीकेज की सबसे अधिक समस्या होती है.
यूरिन लीकेज का इलाज नहीं है?
एक मिथ ये भी है कि यूरिन लीकेज का इलाज मौजूद नहीं है. जबकि ये सच नहीं है. पेल्विक फ्लोर एक्सजरसाइज के जरिए इस समस्या हो आसानी से हल किया जा सकता है. कीगल एक्सरसाइज इस समस्या में सबसे उपयोगी है.