संसद के शीतकालीन सत्र: राजद्रोह कानून को हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं:सरकार
संसद के शीतकालीन सत्र का आज दसवां दिन है। हालांकि बाकी दिनों की तुलना में आज दोनों सदनों में शांति रही। जनरल बिपिन रावत के सम्मान में राज्यसभा से निलंबित 12 विपक्षी सांसदों ने आज अपना धरना प्रदर्शन नहीं किया। लोकसभा में नियम 193 के तहत जलवायु परिवर्तन पर चर्चा हुई जबकि राज्यसभा में भी पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए और प्रभावी कानून बनाने संबंधी निजी संकल्प पर चर्चा की। दोनों सदनों में आज क्या कुछ हुआ इसके बारे में आपको बताते हैं।
लोकसभा की कार्यवाही
- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि देश में अब तक 86 प्रतिशत वयस्कों को कोरोना वायरस रोधी टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है और सरकार जल्द से जल्द 100 प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयासरत है।
- लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य निशिकांत दुबे ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाते हुए झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने और राज्य के एक जिलाधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की।
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि चाबहार बंदरगाह ठीक ढंग से काम कर रहा है और इस परियोजना को लेकर अमेरिकी प्रतिबंध प्रासंगिक नहीं हैं। जयशंकर ने निचले सदन में बहुजन समाज पार्टी सदस्य रितेश पांडे के पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी।
- सरकार ने स्पष्ट किया कि डेल्टा प्लस कोविड-19 वायरस के डेल्टा स्वरूप की एक उप जाति है जिसमें स्पाइक में तीन उत्परिवर्तन देखे गए और अभी ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि भारत में उपयोग किए गए टीके वायरस के इन नये स्वरूप के खिलाफ प्रभावी नहीं हैं।
- जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न चुनौतियों पर चिंता व्यक्त करते हुए विपक्षी दलों ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन एवं इससे जुड़े अन्य विषयों पर अमेरिका, चीन जैसे अमीर एवं विकसित देशों की प्रतिबद्धता व्यावहारिक धरातल पर कमजोर होती है, ऐसे में भारत को अपनी प्रतिबद्धताओं पर काफी सोच समझकर एवं योजनाबद्ध तरीके से काम करना चाहिए।
- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को कहा कि देश में पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से मुक्त किया गया है और किसानों को पराली जलाने से निजात मिले इसके लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में पराली से बड़े स्तर पर जैव ईंधन बनाया जाएगा।
- केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि राजद्रोह से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को हटाने से संबंधित कोई प्रस्ताव गृह मंत्रालय के पास विचाराधीन नहीं है। उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि धारा 124ए से संबंधित ‘कानून का सवाल’ उच्चतम न्यायालय के पास लंबित है।