यूपी में SCAM से बीजेपी की लड़ाई: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने यूपी में मेरठ के शताब्दीनगर स्थित माधवकुंज में विजय शंखनाद रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी में बीजेपी की SCAM से लड़ाई है। एस से समाजवादी पार्टी, सी से कांग्रेस, ए से अखिलेश और एम से मायावती हैं। रैली में पीएम मोदी ने कहा कि इस समय गरीबी से मुक्ति की लड़ाई है। ढाई साल तक मेरी सरकार पर कोई कलंक नहीं लगा है। आखिर क्या कारण है कि यूपी के नौजवान को रोजी रोटी कमाने के लिए यूपी छोड़कर, बूढ़े मां बाप को छोड़कर शहरों में जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ता है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि गरीबों, माता-बहनों को बीमारी में सरकार की ओर से मदद मिले, इसलिए भारत सरकार ने करीब चार हजार करोड़ रुपये यूपी सरकार को मदद करने के लिए दिए हैं। लेकिन मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ा रहा है कि 2014-15 में ढाई हजार करोड़ रुपये भी सरकार नहीं खर्च कर पाई है। हिसाब देने के लिए कतराते रहते हैं। उन्होंने कहा कि 2015-16 में यह मदद बढ़ा दी गई। सात हजार करोड़ रुपये सरकार को दिए गए लेकिन इसके बावजूद 2800 करोड़ रुपये भी नहीं खर्च किए गए हैं। पीएम ने आगे कहा कि क्या बीमार की भी जाति होती है? क्या उनका वोटबैंक होता है? लेकिन ये यूपी की सरकार हर चीज वोटबैंक के तराजू से तौलती रही है। उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर बोलते हुए कहा कि पहले कई गठबंधन देखे लेकिन ऐसा गठबंधन नहीं देखा कि जो पहले एक दूसरे पर हमला बोलते थे, अब गले मिल रहे हैं। जो खुद को नहीं बचा सकते, वो यूपी को क्या बचाएंगे। उन्होंने कहा कि जब तक लखनऊ में बैठी हुई सरकार को घर नहीं भेजते हैं, तब तक जो दिल्ली से भेज रहा हूं। वह यूपी में नहीं पहुंचेगा इसलिए इस यूपी सरकार को हटाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मेरठ में दिनदहाड़े एक व्यापारी की हत्या हो जाती है और कोई कार्रवाई नहीं होती है। स्वच्छ भारत पर बोलते हुए कहा कि क्या आप लोग स्वच्छ भारत, स्वच्छ मेरठ से सहमत हैं कि नहीं? साफ सफाई होनी चाहिए या नहीं? भारत सरकार ने यूपी सरकार को प्रदेश की सफाई के लिए साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये दिया। लेकिन यूपी सरकार 40 करोड़ भी नहीं खर्च कर पाई। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद हर परिवार के पास अपना घर होना चाहिए। मैंने पीड़ा उठाया है कि 2022 में जब आजादी के 75 साल होंगे तो सभी परिवारों के पास अपना घर होगा। इसमें राज्यों को ऐसे लोगों की सूची केंद्र सरकार के पास भेजनी थी जिसके पास मकान नहीं है। भारत सरकार यूपी सरकार को चिट्ठी लिखती रही कि मकानों के जरूरत मंदों की सूची दें लेकिन अभी तक नहीं मिली। गन्ना किसानों पर बोलते हुए कहा कि मैं यूपी सरकार से पूछता हूं कि बताएं कि चीनी मिलों से आपका क्या रिश्ता है। छह चीनी मिलें किसानों का पैसा नहीं देती है लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है।