WHO ने कोविड में दो एंटीबॉडी के इस्तेमाल के खिलाफ सलाह दी, क्या हैं इसके मायने
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नए मार्गदर्शन में कोविड-19 के रोगियों के इलाज के लिए एंटीबॉडी थेरेपी सोट्रोविमैब और कासिरिविमैब-इमदेविमाब का उपयोग करने के खिलाफ सलाह दी गई है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित यह मार्गदर्शन इन दवाओं के उपयोग के लिए सिफारिशों में बदलाव करता है जिसके लिए सशर्त अनुमति दी गई थी. यह उभरते हुए प्रमाणों पर आधारित है कि इन दवाओं के कोविड-19 के ओमीक्रोन जैसे मौजूदा स्वरूप के खिलाफ कारगर होने की संभावना नहीं है. इसका मतलब है कि कम से कम कुछ समय के लिए, कोविड के इलाज के लिए कोई अनुशंसित एंटीबॉडी उपचार नहीं हैं. हालांकि, अभी भी अन्य उपचार विकल्प हैं. आइए इस पर एक नजर डालते हैं.
हम जानते हैं कि गंभीर कोविड हमारी अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने से संबंधित है. कोविड के सबसे प्रभावी उपचारों में से कुछ दर्द निवारक दवाएं हैं, जो वायरस के खिलाफ बढ़ी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कम करती हैं. कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, एंटी-आईएल-6 और बारिसिटिनिब जैसी दवाओं के उपयोग का समर्थन करने के लिए मजबूत प्रमाण मिल रहे हैं. दर्द निवारक दवाओं से अलग, हमारे पास दो प्रकार के उपचार हैं जो सीधे सार्स- कोव-2 को लक्षित करते हैं, जिससे कोविड-19 होता है. ये एंटीवायरल दवाएं और एंटीबॉडी उपचार हैं.
एंटीवायरल दवाएं वायरस को हमारी कोशिकाओं में प्रवेश करने देती हैं लेकिन इसे बढ़ने से रोकती हैं, जिससे संक्रमण के प्रभाव को कम किया जा सकता है. मूल रूप से हेपेटाइटिस-सी के लिए विकसित रेमडेसिविर दवा ने प्रयोगशाला में ओमीक्रोन के उप स्वरूप बीए.2.12.1, बीए.4 और बीए.5 के खिलाफ असर को प्रदर्शित किया है.