UP:त्रिकोणीय मुकाबले का गवाह बनेगा कांग्रेस से कटने लगे माया-अखिलेश
यादव और मायावती समझने लगे हैं और दोनों नेताओं ने राहुल गांधी के नेतृत्व वाली देश की मुख्य विपक्षी पार्टी से कन्नी काटना शुरू कर दिया है सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव यूपी चुनाव में पार्टी की दुर्गति के लिए कांग्रेस के साथ को ही जिम्मेदार मानते हैं. साथ ही उनका मानना है कि कांग्रेस को रायबरेली और अमेठी के अलावा कोई और सीट नहीं दी जा सकती. बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इन्हीं दो पारंपरिक सीटों पर चुनाव जीत पाई थी. उस दौरान ‘सपा परिवार’ ने 5 सीटें जीती थीं जबकि बसपा का तो सूपड़ा-साफ हो गया था.
अगर कांग्रेस के साथ सपा-बसपा का गठबंधन हुआ तो इन दोनों दलों को पंजे के लिए कई सीटें छोड़नी पड़ेंगी, जो कि इन दोनों में से कोई दल नहीं चाहता.बसपा प्रमुख मायावती पहले ही संकेत दे चुकी हैं कि वे गठबंधन होने के बावजूद सीटों को लेकर कई समझौता करने के मूड में नहीं हैं. 80 सीटों वाले यूपी में मायावती 40 सीटों पर अपनी स्वाभाविक दावेदारी मानकर चल रही हैं. गठबंधन के लिए समझौते की मेज पर बैठने के समय हो सकता है कि वे कुछ नरमी लाकर चार-पांच सीटें छोड़ भी दें लेकिन इसके कम तो बसपा को कतई मंजूर नहीं होगा. ऐसे में कांग्रेस के लिए छोड़ी जाने वाली सीटें कहां से आएंगी.