गर्मी से राहत के लिए पीते हैं गन्ने का जूस तो जरूर ध्यान रखें ये बातें
गर्मियों के मौसम में लोग खुद को तरोताजा रखने के लिए ठंडा ठंडार जूस पीते हैं। गर्मियों में खुद को ठंडा रखने के लिए लोग और भी कई तरह के उपाय करते हैं। तपती गर्मी से बचने के लिए लोग गन्ने का जूस भी पीते हैं। गर्मियों में ज्यादातर लोग इस जूस का सेवन करते हैं। वैसे तो गन्ने का जूस सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन इसके नुकसान भी हैं। ऐसे में आपको गन्ने का जूस पीते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
गन्ने का जूस स्वास्थ के लिए काफी अच्छा होता है, लेकिन सही तरीके से ना पीने से इसका नुकसान भी होता है। अगर गन्ने के जूस में कुछ हानिकारण कीटाणु रह जाते हैं, तो इससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है। जब भी आप किसी गन्ने के जूस की दुकान पर जूस पीते हैं, तो दुकानदार गन्ने के जूस में काफी बर्फ मिलाते हैं। गन्ने और बर्फ की तासीर में काफी अंतर होता है, जिसकी वजह से हमारे सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में अगली बार जब आप कहीं बाहर गन्ने का जूस पीएं, तो दुकानदार से बर्फ डालने के लिए मना कर दें।
गन्ने का जूस पीने से पहले ये देख लें कि जहां आप जूस पी रहे हैं, वहां के दुकानदार ने मशीन और गन्ना अच्छे से साफ किया है या नहीं। क्योंकि गन्ने में जानलेवा फंगल होते हैं। साथ ही गन्ने में काफी मिट्टी लगी होती है। अगर आपको दुकानदार मिट्टी लगा गन्ने का जूस पिलाता है, तो इससे आपको मिट्टी अमीबियासिस और पेचिस जैसी गंभीर बीमारी होने की संभावना होती है।
20 मिनट से अधिक समय तक जमा रखा गया गन्ने के जूस का ऑक्सीकरण हो जाता है जो शरीर के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। ऐसे में पेट खराब होने के अलावा उल्टी और चक्कर आने लगते हैं। इसलिए सेवन करने के लिए ताजे बने गन्ने का जूस पीने की सलाह दी जाती है।
गन्ने के जूस में सुक्रोज और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, ऐसे में इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा हो सकता है। हालांकि इसके विपरीत कुछ अध्ययनों में दावा किया जाता रहा है कि गन्ने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (43) कम होता है, ऐसे में इससे ब्लड शुगर नहीं बढ़ता। अध्ययनों में स्पष्टता न होने के कारण यदि आप डायबिटीज रोगी हैं तो गन्ने के जूस के सेवन के बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।