जानिए कितनी बदल जाएंगी IPC और CRPC की धारा,पहचान छुपाकर संबंध बनाने पर सजा
गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में ब्रिटिश कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने के लिए तीन नए विधेयक पेश किए। गृह मंत्री ने कहा कि अब राजद्रोह के कानून को पूरी तरह समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि नए कानूनों के तहत भगोड़े आरोपियों की अनुपस्थिति में उन पर मुकदमा चलाये जाने समेत अनेक प्रावधान हैं।
शाह ने सदन में भारतीय न्याय संहिता, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 को पेश करते हुए कहा कि देश में गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पांच प्रण के अनुरूप इन विधेयकों को लाया गया है जो जनता के लिए न्याय प्रणाली को सुगम और सरल बनाएंगे। गृह मंत्री के प्रस्ताव पर तीनों विधेयकों को संसदीय स्थायी समिति को भेजा जाएगा ताकि इन पर व्यापक विचार-विमर्श हो सके। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने राजद्रोह पर कानून बनाया था लेकिन हम राजद्रोह के कानून को पूरी तरह समाप्त करने जा रहे हैं।शाह ने कहा कि भगोड़े आरोपियों की अनुपस्थिति में उन पर मुकदमा चलाने का ऐतिहासिक निर्णय भी लिया गया है। उन्होंने कहा कि कई मामलों में दाऊद इब्राहिम वांछित है, वह देश छोड़कर भाग गया, लेकिन उस पर मुकदमा नहीं चल सकता। शाह ने कहा, ‘‘ आज हमने तय किया है कि सत्र अदालत जिसे भगोड़ा घोषित करेगी, उसकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलेगा और सजा सुनाई जाएगी।'' उन्होंने कहा कि ‘मॉब लिचिंग' के लिए सात साल या आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि नाबालिगों से दुष्कर्म के मामले में अधिकतम मृत्युदंड का प्रावधान भी है।
गृह मंत्री ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ‘शून्य प्राथमिकी' की प्रणाली ला रही है जिसके तहत देश में कहीं भी अपराध हो, उसकी प्राथमिकी ‘‘हिमालय की चोटी से कन्याकुमारी के सागर तक कहीं से भी दर्ज कराई जा सकती है।'' उन्होंने कहा कि यह सरकार ई-प्राथमिकी की व्यवस्था शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि अब हर थाने में एक पुलिस अधिकारी नामित होगा जो हिरासत में लिए गए आरोपियों के परिजनों को इस बात का प्रमाणपत्र देगा कि ‘‘आपके परिजन हमारी गिरफ्त में हैं''। शाह ने कहा कि अब पुलिस को परिजनों को ऑनलाइन और व्यक्तिगत सूचना देनी होगी। उन्होंने कहा कि यौन हिंसा और उत्पीड़न के मामले में पीड़िता के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी।
शाह ने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए ‘त्वरित' की प्रणाली शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब पुलिस को 90 दिन के अंदर आरोप पत्र दायर करना होगा जिसे अदालत 90 दिन और बढ़ा सकती है। शाह ने कहा कि पुलिस को अधिकतम 180 दिन में जांच समाप्त करनी होगी और अदालतें भी फैसलों को सालों तक लंबित नहीं रख सकतीं। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत यह सरकार पहली बार शादी, रोजगार और पदोन्नति के झूठे वादे करके यौन संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी में ला रही है।
शाह ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि आगामी 15 अगस्त को आजादी का अमृत महोत्सव समाप्त होगा और 16 अगस्त से आजादी की 100 वर्ष की यात्रा की शुरुआत के साथ अमृत काल का आरंभ होगा।