कमाल है ICICI का ये इक्विटी फंड, एक लाख के निवेश को ऐसे बना दिया 2.38 लाख
अगर आप स्पेशल सिचुएशन फंड में निवेश करते हैं तो आप को इसका अच्छा फायदा मिलता है. इस बात का सटीक उदाहरण है ICICI का अपॉर्च्युनिटीज फंड. इस समय आर्थिक मुद्दों से लेकर देशों के बीच तनाव जैसे कई ऐसे अहम फैक्टर हैं, जो अस्थाई हैं और इनका शेयर बाजार से लेकर सारे निवेश के सेगमेंट पर असर होता है. हालांकि, यहीं पर अपॉर्च्युनिटीज फंड इस तरह की अस्थाई चुनौतियों का फायदा उठाता है और निवेश कर आपको अच्छा खासा फायदा देता है.
गिरावट में भी दिया अच्छा रिटर्न
अपॉर्च्युनिटीज फंड स्थानीय और बेहद चुनौतियों जैसे कि कोरोना, लॉकडाउन, महंगाई, ब्याज दर में बढ़ोतरी, रूस-यूक्रेन वॉर, कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी और NBFC संकट को सफलतापूर्वक पार कर लिया है. यह फंड पिछले 3-4 साल में और सभी इक्विटी केटेगरी में सबसे अच्छा रिटर्न भी दिया है. अगर रिटर्न की बात करें तो ICICI प्रूडेंशियल इंडिया अपॉच्र्युनिटीज फंड में अगर किसी ने इसकी साल 2019 में एक लाख रुपये का निवेश किया होगा तो यह रकम अब 2.38 लाख रुपये हो गई होगी.
यानी 20.7 फीसदी सीएजीआर का रिटर्न मिला है. यही रकम अगर आप इसके बेंचमार्क निफ्टी 50 टीआरआई में लगाते तो यह केवल 1.94 लाख रुपये होता है यानी 15.5 पर्सेंट का रिटर्न. यही नहीं, किसी ने मासिक 10 हजार का एसआईपी किया होगा तो कुल निवेश की रकम 5.6 लाख रुपये हुई लेकिन इसका मूल्य 10.44 लाख रुपये हो गया. यानी एसआईपी में भी यह दोगुना के करीब है.
ज्यादातर इक्विटीज कैटेगरीज में सबसे ज्यादा रिटर्न
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के इंडिया अपॉर्च्युनिटीज फंड उन कंपनियों को खरीदकर अपने पोर्टफोलियो में सफलतापूर्वक विविधता लाता है, जो अस्थायी चुनौतियों के कारण गिरावट के दौर में हैं या गिरावट के करीब हैं. इस रणनीति से निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिला है, क्योंकि मजबूत कंपनियां अक्सर विशेष परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी कीमतों में तेज वृद्धि होती है.
यह भी ध्यान देने योग्य है कि बाजार की अस्थिरता के बावजूद यह फंड बढ़ते और सुधारते बाजारों के दौरान अपने बेंचमार्क के संबंध में एक फंड के प्रदर्शन को दिखाते हैं. अपॉच्र्युनिटीज उन निवेशकों के लिए एक उपयुक्त विकल्प हो सकता है जो उच्च जोखिम सहनशीलता के साथ लंबे समय में बेहतर रिटर्न चाहते हैं. वित्तीय सलाहकार या म्यूचुअल फंड वितरक से बात करने के बाद निवेशक फंड को अपने सैटेलाइट पोर्टफोलियो के हिस्से के रूप में मान सकते हैं.
ऐसे बनती है स्ट्रेटेजी
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इंडिया अपॉच्र्युनिटीज़ फ्लेक्सी कैप रणनीति का उपयोग करके इक्विटी में निवेश करता है. यह 2021 तक ज्यादातर लार्ज-कैप के पक्ष में था, जिसमें 70 प्रतिशत से अधिक निवेश इक्विटी में थे और बाकी मिड और स्मॉल कैप में थे. हालाँकि, पिछले एक या दो वर्षों के दौरान, फंड ने गियर बदल दिया है और अपने दृष्टिकोण में अधिक मल्टी-कैप बन गया है.
जुलाई 2023 की फैक्टशीट के अनुसार, इसका 59.6 फीसदी एक्सपोजर बड़े कैप में, 16.4 फीसदी एक्सपोजर मिडकैप में और 13.1 फीसदी एक्सपोजर स्मॉल कैप में है. परिणामस्वरूप, दीर्घकालिक वादे के साथ एक व्यापक-आधारित विशेष परिस्थिति पोर्टफोलियो संभव हो जाता है. मार्च 2020 के बाजार में मंदी के बाद इस फंड ने बिजली, टेलीकॉम और मेटल कंपनियों के शेयरों में खरीदारी की, जबकि वे सभी अनुकूल स्थिति से बाहर थीं और आगामी वृद्धि से अच्छा मुनाफा कमाया. इसी तरह, 2021 में बैंकों की बैलेंसशीट में मजबूती शुरू होने से पहले, फंड का इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश था.