राज्यपाल से मिले प्रशिक्षु आई0पी0एस0 अधिकारी
नियम का पालन करते हुये योग्य निर्णय लें - राज्यपाल
लखनऊः 30 जून, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक से आज राजभवन में 70 वें आर0आर0 (2017) बैच के 9 भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों तथा 8 विदेश पुलिस सेवा के अधिकारियों ने भेंट की। राज्यपाल से भेंटवार्ता का कार्यक्रम सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद द्वारा आयोजित किया गया था। सभी प्रशिक्षु अधिकारी नेशनल एकेडमी आफ पुलिस, हैदराबाद केे प्रशिक्षण प्रशिक्षाधीन अधिकारी स्टडी कम कल्चरल टूर प्रोग्राम के अन्तर्गत लखनऊ भ्रमण पर आये थे। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री हेमन्त राव व अकादमी की ओर से सहायक निदेशक श्री पवन कुमार आई0पी0एस0 भी उपस्थित थे।राज्यपाल ने प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा जनता की समस्याओं के समाधान के लिये संवेदनशील रवैया अपनायें। कानून एवं व्यवस्था सुदृढ़ करने में इस बात की जानकारी अवश्य करें कि अपराध का कारण क्या है। अपराध के कारण पर रोक लगाने के लिये अपने स्तर से कार्य संस्कृति बनायें। आप कानून व्यवस्था पर कैसे नियंत्रण करते हैं, इसके लिये जमीनी हकीकत को जानते हुये अपने विवेक से काम लें। दायित्व का निर्वहन कार्य की अपेक्षा के अनुसार करें। समाज में सुधार लाने के लिये बहुत कुछ व्यक्तित्व और व्यवहार में निर्भर होता है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखने में पुलिस अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
श्री नाईक ने कहा कि पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को महसूस करते हुये समर्पित भाव से कार्य करें। नियम का पालन करते हुये योग्य निर्णय लें। कार्यालय छोड़ने से पहले आने वाले कल की तैयारी एक दिन पूर्व करंे। प्राथमिकता तय करने के लिये नोट करने की आदत डालें। अपने कार्य को समय पर निस्तारित करंे और उसकी निरन्तर समीक्षा करते रहंे। ऐसी कार्य संस्कृति विकसित करें कि फरयादी को लगे कि उसकी बात सुनी गयी। आने वाला आप से कई अपेक्षाएं रखता है इसलिए सहजता से सुलभ रहें। अपने वरिष्ठों का सम्मान करें, उनके अनुभव से सीखें तथा अधीनस्थों को भी उचित आदर व सम्मान दें। उन्होंने कहा कि अपने द्वारा किये गये कार्यों का आत्म निरक्षण करें और उसे बेहतर बनाने का प्रयास करें।
राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों से परिचय प्राप्त करने के बाद प्रसन्नता व्यक्त की कि सभी अधिकारी उच्च शिक्षा में अलग-अलग विषयों में पारंगत हैं, विशेषकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र से। अपने-अपने विषय के ज्ञान का उपयोग व्यवहारिकता में लायें। जीवन में हार न माने, हार भी जायें तो पूरी हिम्मत से दोबारा जीतने का प्रयास करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा अधिकारी न्यायप्रियता और संवदेनशीलता से अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों को व्यक्तित्व विकास एवं सफलता के मंत्र बताते हुये कहा कि सदैव प्रसन्नचित रहें, दूसरों के अच्छे काम की प्रशंसा करें, किसी की अवमानना न करें तथा हर काम को बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें।
राज्यपाल से प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि बी0काम0 के परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् उन्होंने महालेखाकार कार्यालय में नौकरी करना प्रारम्भ किया। राजनीति सेवा का पर्याय है इसलिए नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गये जबकि राजनीति को जीवन यात्रा बनाने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने राजनीति में आने के बाद पहले समाज सेवक फिर विधायक, सांसद, विभिन्न विभागों में राज्यमंत्री एवं मंत्री और अब राज्यपाल बनने तक का सफर प्रशिक्षु अधिकारियों से साझा किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश की विशेषता तथा उसकी समाजिक, राजनैतिक और आर्थिक स्थित पर भी अपने विचार व्यक्त किये। राज्यपाल ने कहा कि गत फरवरी में हुए इन्वेस्टर्स समिट-2018 में 4.28 लाख करोड़ के निवेश उत्तर प्रदेश को मिले, जो इस बात के सूचक हैं कि उत्तर प्रदेश में बिजली एवं कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है।
राज्यपाल से मिलने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों में महाराष्ट्र के स्वपनिल महाजन एवं तारे अनुज, केरल के अंकित अशोकण एवं विशवेष शास्त्री, वरूण शर्मा पंजाब के, श्रवण दत्त तेलंगाना के, तमिलनाडु के जे0 ज्यापाण्डयान एवं सुन्दरावथनम्, पश्चिम बंगाल के पलाश चन्द्र एवं मालद्वीव के अमीन अब्दुल कय्यूम, इब्राहीम इमरान, मो0 शुजा एवं फतेह मोहम्मद, भूटान से टी0 पेन्जोर, टी0 लहाम, टी0 नारजाम एवं नेपाल से कृष्ण खड़के उपस्थित थे।