विंटर्स में ऊनी या गरम कपड़े पहनकर सोना हो सकता है खतरनाक
भारत में अभी सर्दी का सितम जारी है। कई राज्यों में कड़कड़ाती ठंड पड़ रही है। सर्दी से बचने के लिए लोग कई तरह के जतन करते हैं। कई लोग आग तापते हैं तो कई लोग कमरे को गर्म रखने के लिए रूम हीटर का उपयोग करते हैं। वहीं कई लोग रात को ज्यादा सर्दी लगती है तो ऊनी कपड़े पहनकर ही सो जाते हैं। लेकिन यह सेहत के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। दरअसल, ऊनी कपड़े या गरम कपड़े पहनकर सोने से ठंड से तो राहत मिल जाती है, लेकिन इससे शरीर पर कई तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
शरीर की गर्माहट नहीं निकल पाती बाहर
ऊन यानी वूलन ऊष्मा का कुचालक होता है। ये अपने रेशों के बीच बड़ी मात्रा में एयर ट्रैप कर लेता है। इससे शरीर में पैदा होने वाली गर्माहट लॉक हो जाती है और बाहर नहीं निकलती। ऐसी स्थिति में शरीर का ऊपरी तापमान कम हो जाता है और अंदरूनी टेम्प्रेचर रेगुलेट नहीं हो पाता है। जिससे रात में 7-8 घंटे तक शरीर का टेम्प्रेचर ज्यादा रहता है। जोकि बीपी लो और सांस लेने में परेशानी जैसी कई दिक्कतें हो सकती हैं।
हो सकती है स्कैबीज नाम की बीमारी
वहीं जो लोग रात में लगातार गर्म कपड़े पहनकर सोते हैं उन्हें स्कैबीज नाम की बीमारी होने का खतरा रहता है। बता दें कि स्कैबीज एक कीड़ा होता है, जिसके काटने से शरीर पर रात में खुजली और लाल दाने पड़ जाते हैं। कई बार इन दानों से खून तक बहने लगता है। एक ही रजाई या कंबल ओढ़ने से यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलती है।
एक्जिमा, स्किन रोग:
स्किन जब ज्यादा ड्राई होगी तो स्किन में एक्जिमा बढ़ने का डर होता है,ख्गा जिससे खुजली बढ़ती है। सर्दी के मौसम में त्वचा पहले से ज्यादा सेंसिटिव हो जाती है। गर्म कपड़ों से शरीर की नमी चली जाती है जिससे त्वचा रोग बढ़ते हैं।
एलर्जी:
सर्दियों में गर्म कपड़े पहनने से एलर्जी बढ़ सकती है। अगर ड्राई स्किन है तो ऊन के रूएं भी उससे चिपक जाते हैं, जिससे खिंचाव होता है। इससे स्किन में रैशेज, चकत्ते या दाने हो सकते हैं।
पैरों में छाले:
कई लोग के पैर रजाई में भी ठंडे रहते हैं। ऐसे में वे पैरों को गर्म करने के लिए रात में भी लोग गर्म कपड़ों के साथ-साथ मोजे पहनकर सो जाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। असल में वूलन में थर्मल इन्सुलेशन होता है जो पसीने को अच्छी तरह से सोख नहीं पाता। इससे बैक्टीरिया पैदा होते हैं। पैरों में छाले होने की भी संभावना रहती है। इसलिए डॉक्टर्स रात को ऊनी मोजे पहनने के बजाए कॉटन के मोजे की सलाह देते हैं।
ब्लड प्रेशर, बेचैनी और घबराहट:
रात में गर्म कपड़े पहनकर सोने से शरीर में गर्माहट बढ़ती है जिससे बेचैनी और घबराहट की शिकायत हो सकती है। साथ ही लो ब्लड प्रेशर भी होने लगता है। जिस वजह से अचानक से ज्यादा पसीना भी निकल सकता है।
हार्ट पेशेंट के लिए खतरनाक:
अगर आप हार्ट पेशेंट हैं तो रात के समय स्वेटर पहनकर सोने से बचना चाहिए। क्योंकि गरम कपड़ों में बारीक छेद होते हैं जिनमें शरीर की गरमाहट बंद हो जाती है। ये हार्ट मरीजों के लिए घातक साबिक हो सकती है।
सांस लेने में तकलीफ:
अगर रात को स्वेटर पहनकर सोने से घुटन महसूस हो सकती है। गरम कपड़े ऑक्सीजन को ब्लॉक कर देते हैं जिससे घबराहट हो सकती है। अगर सांस से रिलेटेड बीमारी है तो खास ध्यान रखने की जरूरत है।
नींद की समस्या:
अच्छी नींद के लिए कंफर्टेबल कपड़े पहन कर सोना चाहिए। अगर ज्यादा मोटे ऊनी कपड़े पहन कर सोएंगें तो रात में ठीक से नींद नहीं आएगी। अगले दिन सुस्ती और बदन दर्द रहेगा।
रखें इन बातों का ध्यान:
—रात को हमेशा आरामदायक कपड़े पहनकर कंफर्टेबल पोजिशन में सोना चाहिए।
—ऊनी कपड़े पहनने से पहले कॉटन या रेशम के कपडे़ पहनें।
—मोटे स्वेटर पहनने की बजाय हल्के और ब्रीदेबल कपड़े पहनकर सोएं।
—स्किन को सॉफ्ट रखने के लिए मॉश्चराइजर लगाकर कपड़े पहनें।
—ज्यादा फर वाले स्वेटर, मोजे, ग्लव्स या टोपी पहनना अवाइड करें।