चारधाम यात्रा : 56 श्रद्धालुओं ने तोड़ा दम, केदारनाथ यात्रा में 27 श्रद्धालुओं की गई जान, इन बातों का रखें ध्यान
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में इस साल श्रद्धालुओं की संख्या ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारधाम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
चारधाम यात्रा शुरु होने से अब तक जहां लाखों श्रद्धालु दर्शन लाभ ले चुके हैं तो वहीं यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक 56 तीर्थयात्रियों ने दम तोड़ दिया। इसमें 50 साल से अधिक आयु के 40 यात्री शामिल हैं। हार्टअटैक और पल्मोनरी एडिमा (फेफड़ों के वायु कोशिकाओं में तरल पदार्थ की मात्रा अधिक होने) के कारण 47 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
केदारनाथ धाम के यात्रा मार्ग पर सबसे अधिक 27 यात्रियों की अब तक मौत हो चुकी है। शुक्रवार सुबह तक यह आंकड़ा 23 था, लेकिन धाम में शाम को चार और यात्रियों की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित हैं। जहां पर ठंड के साथ ही ऑक्सीजन की कमी से सांस से संबंधित दिक्कतें आती है। 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में 15 दिनों में हृदय गति रुकने, पल्मोनरी एडिमा, हाईपोथर्मिया (शरीर का तापमान कम होने पर हृदय गति रुक जाती है) और सिर पर गंभीर चोट से 52 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।
श्रद्धालुओं की नियमित स्क्रीनिंग की जा रही
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने यात्रा के लिए आए 52 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मृतकों में अधिकांश यात्री 60 वर्ष से अधिक के हैं। ज्यादातर की मौत हृदय गति रुकने से हुई हैं। यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की नियमित स्क्रीनिंग की जा रही है। स्वास्थ्य जांच में जिन श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, उन्हें डॉक्टर यात्रा न करने की सलाह दे रहे हैं।