“पंचगव्य” मानवजाति के लिए उपहार से कम नहीं, कई बीमारियों से करता है रक्षा
“पंचगव्य” शब्द का जिक्र आते ही सबसे पहला ख्याल गौमूत्र, गोबर, दूध, दही, और घी का आता है। आयुर्वेद में इन पांचों के मिश्रण को ही “पंचगव्य” कहा गया है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। आपको बताते हैं पंचगव्य के फायदों के बारे में।
“पंचगव्य” में गाय से बनी चीजों को शामिल किया गया है। सबसे पहले हम बात करते हैं दूध की, क्योंकि दूध में कैल्शियम, विटामिन बी-12, पोटेशियम, आयोडीन जैसे तत्त्व पाए जाते हैं। दूध इंसान की इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाने का काम करता है। साथ ही दिमाग, हड्डी और मांसपेशियों को भी मजबूत करने का काम करता है।
गोबर को काफी लाभकारी माना गया है। आयुर्वेद के मुताबिक, गोबर से एक अर्क तैयार किया जाता है। जो क्रीम एक्जिमा, एलर्जी जैसे त्वचा रोगों के लिए इस्तेमाल होती है। इसके अलावा इसमें एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और विटामिन-बी 12 के गुण भी होते हैं। शरीर में दाद, खुजली या त्वचा से जुड़ी समस्या के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
गौमूत्र के लाभ से सभी विदित ही हैं। इसे काफी हेल्थी माना गया है। पानी, यूरिया, मिनरल्स, एंजाइम्स, पोटेशियम, विटामिन्स और सोडियम के तत्वों के कारण लाभकारी होता है। दिल के मरीजों, कैंसर, टीबी, पीलिया, मिर्गी और हिस्टीरिया की बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए फायदेमंद साबित होता है। हालांकि, इसे विशेषज्ञ की सलाह पर ही लेना होता है।
घी को भी सेहत के लिए उपयोगी माना गया है। दूध से बने घी में कैल्शियम, विटामिन-ए, डी और ई पाए जाते हैं। यह दिमाग और शारीरिक विकास लिए बहुत ही कारगर होता है। इसको खाने से आंखों की रोशनी ठीक होती है। साथ ही अन्य बीमारियों में फायदेमंद साबित होता है।
दही को सेहत के लिए काफी लाभकारी माना गया है। इसमें कैल्शियम, विटामिंस, प्रोटीन, मिनरल्स जैसे तत्व पाए जाते हैं। यह बच्चों और बड़े लोगों में पाचनक्रिया को मजबूत करने और भूख बढ़ाने का काम भी करता है।