दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी ने पीएम मोदी से की ये अपील
दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम सय्यद अहमद बुखारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश के मुसलमानों से बात करने की भावुक अपील की है. उन्होंने यह अपील शुक्रवार (6 दिसंबर) को नमाज के बाद की जब देश में मस्जिदों के सर्वेक्षण को लेकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा था. बुखारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अपनी कुर्सी का सही उपयोग करना चाहिए और मुसलमानों के दिल जीतने चाहिए.
इमाम बुखारी ने प्रधानमंत्री मोदी से यह भी कहा “आप जिस कुर्सी पर बैठे हैं उस कुर्सी का न्याय करें. मुसलमानों का दिल जीतें और उन उपद्रवियों को रोकें जो देश का माहौल खराब करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं.” इसके आगे उन्होंने कहा कि आज स्थिति 1947 से भी बदतर हो गई है और यह स्थिति देश के भविष्य को लेकर चिंताएं पैदा करती है. बुखारी ने जब ये कहा कि देश किस दिशा में जाएगा यह कोई नहीं जानता उस दौरान उनकी आंखों में आंसू थे.
बुखारी ने प्रधानमंत्री मोदी से तुरंत कदम उठाने की अपील की. उन्होंने सुझाव दिया कि इस तनाव को सुलझाने के लिए तीन हिंदू और तीन मुसलमानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया जाए. उन्होंने कहा “देश के माहौल को सुधारने के लिए इस बातचीत की बेहद आवश्यकता है.” यह अपील विशेष रूप से उस हिंसा के बाद आई है जो 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई थी.
संभल में 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान तनाव बढ़ा. जब एक याचिका के आधार पर दावा किया गया कि इस स्थान पर पहले एक हरिहर मंदिर था. 24 नवंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान पत्थरबाजी की घटना घटी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. इस घटना ने सांप्रदायिक तनाव को और ज्यादा बढ़ा दिया.
अजमेर में भी एक याचिका दायर की गई है जिसमें दावा किया गया है कि अजमेर शरीफ दरगाह एक शिव मंदिर के ऊपर बनाई गई थी. राजस्थान की अदालत ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) अजमेर दरगाह समिति और अल्पसंख्यक मंत्रालय को नोटिस जारी किए. यह याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई है.
बुखारी ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा दिया जाए और मंदिर-मस्जिद के विवादों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ा जाए. उन्होंने चिंता व्यक्त की कि इन विवादों के कारण देश का माहौल खराब हो रहा है और इसका भविष्य अनिश्चित है.