नियंत्रित रहता है डायबिटीज में मखाने का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे आप अच्छी डाइट और अच्छी लाइफस्टाइल से कंट्रोल कर सकते हैं। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो डाइट में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स, हाई फाइबर और रफेज वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। मखाना एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जो कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के साथ-साथ फाइबर से भरपूर होता है। इसमें मौजूद फाइबर शुगर को सोखने का काम करता है और मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाकर पाचन में मदद कर सकता है। आइए जानते हैं डायबिटीज के मरीजों को एक दिन में कब और कितनी मात्रा में मखाना खाना चाहिए।
क्या हम मधुमेह में मखाना खा सकते हैं?
मखाना एक कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला सूखा मेवा है। यह शरीर में धीरे-धीरे ऊर्जा को संतुलित करके शुगर स्पाइक्स को रोकने में मदद करता है। इसका फाइबर शुगर मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और शरीर में अतिरिक्त शुगर को जमा होने और खून में मिलने से रोकता है। फिर यह मधुमेह में मल त्याग को बेहतर बनाकर कब्ज को रोकता है। मखाना मैग्नीशियम से भरपूर होता है, इसलिए यह शरीर में ऑक्सीजन और रक्तचाप को काफी बेहतर बनाता है। इससे मधुमेह में हृदय रोग का खतरा कम होता है।
डायबिटीज में मखाना कब और कितना खाना चाहिए?
मधुमेह में मखाना आप कई तरह से खा सकते हैं। लेकिन सबसे हेल्दी तरीका है कि आप नाश्ते के समय इसे दूध में भिगो दें और फिर आधे घंटे बाद इसका सेवन करें। इसके अलावा आप इसे नाश्ते के तौर पर या इसकी खिचड़ी बनाकर भी खा सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों को हर दिन सिर्फ 2 से 3 मुट्ठी यानी करीब 30 ग्राम मखाना ही खाना चाहिए। ऐसा करने से शुगर स्पाइक्स को रोकने और फिर डायबिटीज को मैनेज करने में मदद मिल सकती है। इस तरह इसका सेवन डायबिटीज में शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। इसलिए अगर आपको डायबिटीज है तो इस ड्राई फ्रूट को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।