जाति जनगणना के फैसले से पहलगाम के मुद्दे को दबाना चाहती है सरकार : राशिद अल्‍वी

By Tatkaal Khabar / 01-05-2025 03:45:09 am | 210 Views | 0 Comments
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नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को देश में जातीय जनगणना को मंजूरी दे दी। इस पर कांग्रेस नेता राशिद अल्‍वी ने इसकी टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा क‍ि सरकार ने जातीय जनगणना के लिए यही वक्त क्यों चुना। क्या सरकार पहलगाम के मुद्दे को भटकाना तो नहीं चाहती है।
राशिद अल्वी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "देश में जातीय जनगणना निश्चित तौर पर होनी चाहिए। विपक्ष, खासकर राहुल गांधी, लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसके लिए अनिच्छुक थी। लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार इस घोषणा के जरिए पहलगाम जैसे गंभीर मुद्दे को कमजोर करने की कोशिश कर रही है?

उन्होंने आगे कहा, "जब पूरा देश पहलगाम हमले के बाद सरकार के ठोस कदमों का इंतजार कर रहा है, ऐसे में जाति जनगणना की घोषणा से ध्यान भटकता नजर आता है। क्या सरकार आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाय इस मुद्दे को दबाना चाहती है? क्या पहलगाम के शहीदों का बदला लेना प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए थी? प्रधानमंत्री सऊदी अरब से लौटने के बाद पहलगाम पर कड़ा संदेश देने के बजाय पटना में भाषण दे रहे थे। इससे लगता है कि सरकार का फोकस बिहार की राजनीति पर ज्यादा है। बिहार में भाजपा कार्यकर्ताओं का जाति जनगणना की घोषणा पर जश्न मनाना और मिठाइयां बांटना शर्मनाक है। जब 26 परिवार अभी शोक में डूबे हैं, तब ऐसी खुशियां मनाना क्या उचित है?"

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों, जैसे सपा और कांग्रेस, ने जाति जनगणना के लिए दबाव बनाया, और सरकार ने उनकी मांग मान ली। राहुल गांधी ने तो संसद में यहां तक कहा था कि अगर भाजपा नहीं कराएगी, तो उनकी सरकार आने पर यह काम होगा। लेकिन इस मांग को ऐसे समय में मानना, जब देश पहलगाम पर कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है, क्या उचित है?