अजीत डोभाल ने कई देशों के एनएसए के साथ बातचीत कर दी भारत की तरफ से की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी

By Tatkaal Khabar / 07-05-2025 12:50:53 pm | 244 Views | 0 Comments
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ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर हमलों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कई देशों के एनएसए के साथ बातचीत की. डोभाल ने अपने समकक्षों को भारत की तरफ से की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी.

जानकारी के अनुसार, अजीत डोभाल ने अमेरिका के एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ब्रिटेन के एनएसए जोनाथन पॉवेल, सऊदी अरब के एनएसए मुसैद अल ऐबन, यूएई के एनएसए शेख तहनून, यूएई के एनएससी के महासचिव अली अल शम्सी और जापान के एनएसए मासातका ओकानो से बात की.

इसके अलावा, रूस के एनएसए सर्गेई शोइगु, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी और फ्रांस के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बोन्ने के साथ भी संपर्क स्थापित किया गया.

डोभाल ने अपने समकक्षों को भारत की तरफ से की गई कार्रवाई और क्रियान्वयन के तरीके के बारे में जानकारी दी. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अगर पाकिस्तान तनाव बढ़ाने का फैसला करता है तो भारत इसका दृढ़ता से जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है.

एनएसए आने वाले दिनों में भी अपने समकक्षों के साथ संपर्क में रहेंगे.

वहीं, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने बुधवार की सुबह संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री, वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी शामिल हुईं. सैन्य अधिकारियों ने आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले की क्लिप भी दिखाई.

कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन को लेकर बताया, पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था. 9 आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया. पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा था, जो पाकिस्तान और पीओके दोनों में फैला हुआ है. पीओजेके में पहला लक्ष्य मुजफ्फराबाद में सवाई नाला कैंप था, जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर है. यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र था. 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों ने यहीं से प्रशिक्षण प्राप्त किया था.