विरासत की यारी जुड़ाव की तैयारी

By Tatkaal Khabar / 29-06-2025 02:38:13 am | 2664 Views | 0 Comments
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देहरादून : : काठगोदाम उत्तराखंड। सीआरपीएफ आईजी उत्तराखंड भानु प्रताप सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय के दिनो को याद करते हुए कहा कि हमने विरासत की पूंजी कमाई है। यारों को जोड़कर यह महफिल सजाई है।। भुला न सकेगा जमाना हमें, हमने हर हाल में यारी निभाई है। इसके बाद उन्होंने कहा किविश्वविद्यालय की पढ़ाई और शिक्षा दीक्षा हमें यह सिखाती है हम अपनी विरासत को अगली पीढ़ियों तक पहुंचाएं और गुरु ज्ञान के साथ भारत की संस्कृति के मूल्यों को संरक्षित करते हुए गुरु दक्षिणा के साथ-साथ लखनऊ विश्वविद्यालय के ऋण को चुकाने की भरसक कोशिश करें तभी हम सच्चे विद्यार्थी और नागरिक बन सकेंगे। लखनऊ विश्वविद्यालय एल्यूमिनाई के तत्वाधान में उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल- चैप्टर-2 का प्रथम पुरातन छात्र पुनर्मिलन कार्यक्रम, शनिवार दिनांक 28 जून 2025 को सीआरपीएफ कैंप मैं देर रात संपन्न हुआ। इस आयोजन के दौरान भानु प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जरूरत इस बात की है संकल्प के साथ नवनिर्माण हो और समाज को एकजुट किया जाए जिससे अनुशासन के साथ विकास भी हो और विरासत भी बचाई जा सके। अगर विरासत बचेगी तो जुडाव भी बचेगा। इसलिए हमें अपनी शिक्षा दीक्षा को केवल जीवनोपार्जन ना मानकर समाज के प्रति भी अपना कर्तव्य निभाना होगा। इस मौके पर लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व महामंत्री अनिल सिंह वीरू ने कहा कि आप सभी विशिष्ट जनों की गरिमामई उपस्थित से यह कार्यक्रम अपने उद्देश्यों को पाने में पूर्णतः सफल रहा। आप सभी का आगमन ही इस भावपूर्ण आयोजन का प्रमुख लक्ष्य था जो आपकी उपस्थिति मात्र से ही भव्य और पूर्ण हुआ। हम सभी के लिए विशेष प्रतिष्ठा और सम्मान का विषय रहा इस भावपूर्ण सम्मेलन में विश्वविद्यालय से निकले हुए 60-79 और 80 के दशक के सम्मानित साथियों की उपस्थिति और उनका उत्साह हमें भविष्य की प्रेरणा देता है। हम अपेक्षा करते हैं कि इस संगठन और प्रस्तावित अगले सम्मेलन में अपेक्षाकृत युवाओं,पुरातन छात्रों का प्रतिभाग भी बढ़ेगा।लखनऊ विश्वविद्यालय एल्यूमिनाई की सोच और प्रयास है कि विश्वविद्यालय से निकले सभी पुरातन साथियों को एक दूसरे से परिचित कराते हुए भावपूर्ण और स्नेहिल संबंधों में जोड़ा जाए और यह आप सभी के प्रयास और योगदान के बिना संभव नहीं होगा। इसलिए आज से ही हम जितने भी पुरातन छात्र उत्तराखंड के मूल निवासी व सेवाएं दे रहे हैं उनका डाटा संकलित करके इस उत्तराखंड चैप्टर का सदस्य बना सके इस दिशा में आप सभी से सकारात्मक योगदान के प्रति हम पूर्ण आशान्वित हैं। आयोजक मंडल के सभी सदस्यों आदरणीय श्री भानु प्रताप सिंह जी,श्री अनिल कांत द्विवेदी,श्री अश्वनी पांडे आदि के प्रयासों और सहभागिता करने वाले आप सभी पुरातन साथियों की उपस्थिति से अपनी पूर्णता को प्राप्त कर सका। हमारा प्रयास है कि जो साथी इस आयोजन में कतिपय कारणों से अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा सके उनको अगले कार्यक्रम में आवश्यक रूप से शामिल किया जाए जिसमें आप सभी का वांछित सहयोग सादर अपेक्षित है। आप सभी साथियों का बहुत-बहुत आभार एवं अभिनंदन। हमारा मानना है "बेवजह मिलते रहो मिलने की वजह मिल जाएगी। तुम हाल पूछ लेना यार मेरी तबीयत संभल जाएगी।। वीरों ने जैसे ही यह शेर पढ़ा कार्यक्रम में सभी यार एकाएक इमोशनल हो गए सब ने एक दूसरे को गले लगाया और अपने-अपने जमाने की यादों को ताज किया और इस बात का आश्वासन भी दिया कि अगले कार्यक्रम में सब लोग एक साथ मिलेंगे और इस संयुक्त परिवार को और विशाल बनाएंगे। प्रयास है कि अगला पुरातन छात्र सम्मेलन उत्तराखंड के दोनों (कुमाऊं और गढ़वाल)मंडलों का संयुक्त रूप से आयोजित किया जाए जिसमें राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक क्षेत्र से जुड़े सभी पुरातन छात्रों की शत-प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा।