अरुण गवली 18 साल बाद जेल से हुए रिहा, नागपुर से मुंबई रवाना; परिवार संग समय बिताने की इच्छा जताई

नागपुर सेंट्रल जेल की बाकायदा नौ वर्ष की हाई-सिक्योरिटी कैदगाह से छः दिन बाद, मशहूर अंडरवर्ल्ड डॉन से नेता बने अरुण “डैडी” गवली को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है। इस हाई-प्रोफ़ाइल फैसले से 76 वर्षीय गवली लगभग 18 वर्षों की जेल की ज़िंदगी समाप्त कर, नागपुर से सीधे मुंबई के लिए रवाना हुए।
अपने रिहा होते ही इस पूर्व गड़रस्तित नेता ने बड़े भावुक अंदाज़ में बताया कि अब उनका एकमात्र उद्देश्य परिवार के साथ समय बिताना है—विशेषकर उन पलों को पाना जो उन्होंने जेल में चूक गए थे। “मैं अपने पोते पोतियों के साथ समय बिताना चाहता हूँ,” उन्होंने कहा, साथ ही उन्होंने न्यायपालिका को भी धन्यवाद दिया, हालांकि वे इसे “आंशिक न्याय” मानते हैं।
इस संपन्न जीवन परिंपरा में अरुण गवली का अंडरवर्ल्ड से राजनीतिज्ञ बनने का सफर दर्शनीय रहा है। मुंबई के डगडी चॉल से लेकर विधान सभा तक की यात्रा ने उन्हें एक विवादास्पद लेकिन जिंदा प्रतीक बना दिया। उनके प्रभावी चरित्र को बॉलिवुड की फिल्म “डैडी” में भी दर्शाया गया था।
हालांकि उन्हें रिहा कर दिया गया है, लेकिन उनका कानूनी संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में फरवरी 2026 में दो मुख्य मामलों की सुनवाई होनी है—उनकी सिद्धि को चुनौती देने के इरादे से दायर अपील और समय पूर्व रिहाई की याचिका।