भीमा कोरेगांव मामले में एसआईटी गठित करने की मांग नामंजूर
भीमा कोरेगांव मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। अदालत ने इन पांच आरोपियों की हिरासत 4 हफ्ते और बढ़ा दी है यानी अगले 4 हफ्ते ये सभी आरोपी अभी नजरबंद रहेंगे। अदालत ने कहा है कि वो राहत के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं। आऱोपियों की ओर से एसआईटी जांच की मांग को भी अदालत ने ठुकरा दिया और पुणे की पुलिस से आगे की जांच जारी रखने को कहा है। दरअसल, माओवादियों से संबंध के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने अदालत में अर्जी दाखिल की थी कि उन्हें बेवजह गिरफ्तार किया गया है लिहाजा इस मामले की एसआईटी जांच करे। जिन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपने घर में नजरबंद किया गया है उनमें गौतम नवलखा, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरिया और वरनोन गोंजालवेस शामिल हैं।
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी मामले में विपक्ष के हमलों के बीच शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भाजपा ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से कांग्रेस पार्टी का पर्दाफाश हो गया है। पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल किया कि राहुल गांधी आप बार-बार राष्ट्रद्रोहियों के साथ खड़े क्यों नज़र आते हैं?
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि भीमा कोरेगांव मामले में शुक्रवार को उच्च्तम न्यायालय का जो फैसला आया है, उससे पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी का पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ इस मामले में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र हित की जीत है।’’ पात्रा ने कहा कि ऐसे लोग जो राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ काम करते हैं, उन्हें यह चुनने की छूट नहीं है कि वे किस प्रकार की जांच का सामना करेंगे और कानून कब और कैसे काम करेगा।