PM मोदी ने मलेशिया के PM से मिलकर , जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का उठाया मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से बातचीत में जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के मुद्दे को उठाया.
भारत ने विवादास्पद कट्टरपंथी उपदेशक नाइक के प्रत्यर्पण के लिए प्रयास तेज कर दिये हैं जो आतंकवाद और धनशोधन के आरोपों में वांछित है. मोदी ने रूस के पूर्वी सुदूर क्षेत्र में यहां पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) की पांचवीं बैठक के इतर मलेशिया के प्रधानमंत्री से मुलाकात की.
मोदी ने महातिर को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले के पीछे के औचित्य को भी स्पष्ट किया. मोदी ने ट्वीट किया, मलेशिया के प्रधानमंत्री डॉ. महातिर मोहम्मद से मुलाकात अच्छी रही. हमने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर बातचीत की.
विदेश सचिव विजय गोखले ने बैठक की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने महातिर से अपनी मुलाकात में नाइक के मलेशिया से प्रत्यर्पण के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा, दोनों पक्षों ने फैसला किया है कि हमारे अधिकारी इस संबंध में संपर्क में रहेंगे और यह हमारे लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है.
कट्टरपंथी उपदेशक नाइक (53) 2016 में भारत से चला गया था और बाद में मुस्लिम बहुल मलेशिया में जाकर रहने लगा. उसे वहां स्थाई निवास की अनुमति मिली है. वह भारत के अधिकारियों के लिए 2016 से कथित धनशोधन के मामले में और नफरत भरे भाषणों से आतंकवाद को भड़काने के मामले में वांछित है.
गत आठ अगस्त को मलेशियाई हिंदुओं और चीनियों के खिलाफ नाइक के बयान के बाद उसके इस देश में किसी भी सार्वजनिक गतिविधि में शामिल रहने पर रोक लगा दी गयी है. गोखले के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने महातिर के साथ जम्मू-कश्मीर संबंधी घटनाक्रमों और ‘पुनर्गठन' पर भी बातचीत की.
उन्होंने आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर भी वार्ता की. गोखले ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावशाली शासन और सामाजिक-आर्थिक न्याय मुहैया कराने के संदर्भ में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के पीछे का तर्कसंगत कारण महातिर को बताया. इस संदर्भ में दोनों नेताओं ने आतंकवाद और उसके बढ़ते खतरे से निपटने को लेकर चर्चा की.
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री महातिर ने स्वीकार किया कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और मलेशिया हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ है. भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को पांच अगस्त को हटा दिया और उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से साफ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाना भारत का आंतरिक मामला है.