पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं ने मुंबई में भाजपा दफ्तर के बाहर किया हंगामा,वित्त मंत्री सीतारमण ने ये कहा
PMC बैंक पर प्रतिबंध लगाने के बाद खाताधारकों ने आज मुंबई में भाजपा दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है कि किसने क्या किया है, बस उन्हें उनका पैसा वापस चाहिए। इसी बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मुंबई में भाजपा दफ्तर पहुंचीं। इस बीच दफ्तर के बाहर पीएमसी बैंक के खाताधारकों ने मांग है कि बैंक पर लगी पाबंदियों को हटाया जाए।इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त मंत्रालय को सीधे (पीएमसी बैंक मामले) से कोई लेना-देना नहीं हो सकता क्योंकि RBI नियामक है। लेकिन मेरी तरफ से, मैंने अपने मंत्रालय के सचिवों को ग्रामीण विकास मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय के साथ काम करने के लिए विस्तार से अध्ययन करने के लिए कहा है कि क्या हो रहा है।सीतारमण ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने की कोशिशें की जा रही हैं और जरूरत पड़ने पर ऐक्ट में बदलाव पर विचार भी किया जाएगा। ग्राहकों का विरोध-प्रदर्शन उस वक्त चल रहा था जब बीजेपी दफ्तर में बैठक चल रही थी। वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त मंत्रालय का बैंक से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि बैंकिंग रेग्युलेटर आरबीआई है लेकिन अपनी तरफ से कदम उठाते हुए मैंने ग्रामीण विकास मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय को मामले की स्टडी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।आरबीआई ने लगा दी थी रोकनिर्मला सीतारमण ने कहा कि मंत्रालय के सचिवों को केस को डीटेल में स्टडी कर पता लगाने को कहा है कि वास्तव में क्या हो रहा है। आरबीआई के प्रतिनिधि भी साथ होंगे ताकि किसी तरह की कमी को समझा जा सके और जरूरत पड़ी तो ऐक्ट में संशोधन की गुंजाइश को भी देखा जा सके। पीएमसी के ग्राहकों में अचानक तब खलबली मच गई थी, जब 24 सितंबर को आरबीआई ने बैंक के कामकाज पर रोक लगाई थी और 6 महीनों की बैन की अवधि के दौरान सिर्फ 1,000 रुपये निकाले जाने का निर्देश जारी किया था। बैन के तहत यह भी कहा गया था कि बैंक 6 महीनों तक कोई नया लोन जारी नहीं कर सकता। ग्राहकों की परेशआनी और बैंकिंग में उठते भरोसे को देखते हुए 26 सितंबर को निकासी की सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई थी और 3 अक्टूबर में इसे 25,000 रुपये कर दिया गया था।10 साल से चल रहा था खेलइस मामले में अब तक प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी चार गिरफ्तारी कर चुका है। इसमें रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल के प्रोमटर्स सारंग और राकेश वाधवान के साथ पीएमसी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस और पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह शामिल हैं। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि बैंक और कंपनी, दोनों ही आरबीआई और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को धोखे में रखने के लिए 10 साल से यह खेल कर रहे थे। डमी अकाउंट्स के जरिए लेनदेन को वाजिब शो किया जा रहा था।