लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- 50 वर्षों की मांग को हमारी सरकार ने पूरा किया*
*13 जनवरी, लखनऊ।* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से कानून व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और स्मार्ट पुलिसिंग की मांग हो रही थी। लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव के कारण इतने वर्षों तक यह कार्य नहीं हो पाया। समयबद्ध तरीके से कार्रवाई ना हो पाने के कारण न्यायालय हमेशा पुलिस को कटघरे में खड़ा करता था। पुलिस विभाग में सुधार का सबसे बड़ा कदम हमारी सरकार ने उठाया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में कैबिनेट की बैठक सम्पन्न हुई। इसमें 07 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। बैठक में लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव पास हुआ। इस अवसर पर यहां लोकभवन में पत्रकार वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी कैबिनेट ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ और आर्थिक राजधानी गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव पास किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिनियम के अन्तर्गत 10 लाख से ऊपर की आबादी में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होनी चाहिए। 2011 की जनगणना के अनुसार लखनऊ की आबादी 29 लाख थी, जो अब बढ़कर 40 लाख से ज्यादा हो गई है। वहीं गौतमबुद्धनगर की आबादी 16 लाख थी, जो अब बढ़कर 25 लाख से अधिक हो गई है।
*अब ऐसी होगी लखनऊ पुलिस*
मुख्यमंत्री योगी ने जानकारी देते हुए बताया कि लखनऊ शहर के अन्तर्गत पुलिस आयुक्त प्रणाली में 40 थाने आएंगे। जिसमें एडीजी स्तर का अधिकारी पुलिस आयुक्त के रूप में काम करेगा। इसके साथ ही आईजी रेंज के दो ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर होंगे। जिसमें एक लॉ एंड आर्डर और एक क्राइम की दृष्टि से होंगे। इसके अलावा एसपी रैंक के 9 अधिकारी तैनात होंगे। महिला संबंधित अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए एक एसपी रैंक की महिला अधिकारी और एक एडिशनल एसपी रैंक की महिला अधिकारी की विशेष तैनाती दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यातायात की दृष्टि से एक पुलिस अधीक्षक और एक अपर पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को तैनात किया जा रहा है। निर्भया फंड के अंतर्गत सीसीटीव कैमरे और ट्रैफिक लाइट आदि की व्यवस्था की जाएगी।
*गौतमबुद्धनगर रहेगी यह व्यवस्था*
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गौतमबुद्धनगर में इस प्रणाली के तहत एडीजी स्तर के अधिकारी को पुलिस आयुक्त के तौर पर तैनात किया जा रहा है। उनके साथ डीआईजी रैंक के दो एडिशनल पुलिस कमिश्नर होंगे। इसके साथ ही पांच पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों की भी यहां तैनाती होगी। उन्होंने कहा कि महिला संबंधित अपराधों पर अंकुश लगाने और विवेचना के लिए एक महिला पुलिस अधीक्षक की तैनाती की जाएगी। वहीं यातायात को सुदृढ़ करने के लिए एक पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को तैनात किया जाएगा। इस प्रणाली के अंतर्गत जनपद में दो नये थाने भी बनाए जा रहे हैं।
*हर 06 माह पर होगी समीक्षा*
पुलिस आयुक्त प्रणाली की व्यवस्था प्रदेश में पहली बार लागू की जा रही है। नवीन व्यवस्था में शामिल शहरों का शान्ति व कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, महिला अपराध नियंत्रण व यातायात प्रबन्धन आदि पर प्रत्येक 6 माह में समीक्षा एवं नवीन व्यवस्था का मुल्यांकन किया जाएगा।
*पुलिस आयुक्त के पास होंगी ये शक्तियां*
1- दंड प्रक्रिया संहिता की धारा- 58 व अध्याय 8 (परिशांति कायम रखने के लिए और सदाचार के लिए प्रतिभूत) और अध्याय-10 (लोक व्यवस्था और शांति बनाए रखना) में परिभाषित कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की जाएंगी।
2- उत्तर प्रदेश गुण्डा नियंत्रण अधिनियम, 1970 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 8 सन् 1971) के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
3- विष अधिनियम, 1919 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
4- अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
5- पुलिस (द्रोह-उद्दीपन) अधिनियम, 1922 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
6- पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
7- विस्फोटक अधिनियम, 1884 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
8- कारागार अधिनियम, 1894 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
9- सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
10- विदेशी अधिनियम, 1946 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
11- गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
12- भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
13- उत्तर प्रदेश अग्नि शमन सेवा अधिनियम, 1944 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
14- उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम, 2005 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
15- उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
*इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर*
• जनपद गोरखपुर में सोनौली-नौतनवॉ-गोरखपुर-देवरिया-बलिया मार्ग (राज्य मार्ग संख्या-1) के चैनेज- 98.975 से चैनेज-125.00 तक (गोरखपुर शहर से देवरिया बार्डर तक) (लम्बाई 26.025 किमी.) मार्ग का 04 लेन में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की पुनरीक्षित लागत रुपये 25094.90 लाख के व्यय का प्रस्ताव कैबिनेट में पास।
• जनपद बरेली के विधानसभा क्षेत्र बरेली नगर में मिनी बाईपास पर केन्द्रीय कारागार तथा नगर निगम की रिक्त भूमि को बस स्टेशन का निर्माण कराये जाने हेतु परिवहन विभाग को नि:शुल्क हस्तान्तरित किये जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास।
• निर्माणाधीन जिला कारागार, प्रयागराज को पूर्ण कराये जाने हेतु प्रस्तावित पुनरीक्षित लागत 200 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव कैबिनेट में पास।
• प्रकरण पुलिस विभाग के पूर्व निर्मित जर्जर भवनों को निष्प्रयोज्य घोषित कर ध्वस्तीकरण कराये जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास।
• जनपद उन्नाव में थाना कोतवाली सदर के अन्तर्गत दही पुलिस चौकी के उच्चीकृत कर नवीन मार्डन पुलिस थाना स्थापना हेतु यूपीएसआईडीसी से नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराने जाने के संबंध का प्रस्ताव कैबिनेट में पास।
• घाघरा नदी का नाम परिवर्तित कर राजस्व अभिलेखों में सरयू दर्ज किए जाने के संबंध का प्रस्ताव पर कैबिनेट में पास।